अपनी योग्यता से हर कदम पर खुद को साबित कर रही हैं महिलाएं, ये 10 खूबियां बनाती हैं उन्हें बेहतरीन लीडर

महिलाओं और पुरुषों को बराबर का दर्जा मिलना बहुत जरूरी हैं। देखा जाता हैं कि महिलाओं को कई बार कई पहलुओं पर पुरूषों से कमतर आंका जाता है। जबकि हर समय में महिलाऐं अपनी काबिलियत और खूबियों से खुद को साबित करती आई हैं। लेकिन फिर भी उनके श्रेष्ठ होने पर सवाल खड़े किए जाते हैं। हांलाकि इन बातों को छोड़ देखा जाए तो महिलाएं अपनी योग्यता से आज के समाज में एक लीडर के तौर पर दिखाई दे रही हैं। महिलाओं की कुछ ऐसी स्वाभाविक विशेषताए हैं जो उन्हें नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करने में मदद करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको महिलाओं की उन्हीं खूबियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उन्हें बेहतरीन लीडर के तौर पर दर्शाती हैं। तो आइये जानते हैं इन खूबियों के बारे में...

मल्टी टास्किंग में नहीं है कोई तोड़

एक लीडर को एक साथ कई सारी जिम्मेदारियों का निभाना पड़ता है और ये चीज महिलाओं को बखूबी आती है। धैर्य के साथ एक समय में कई सारे काम को निपटाते हुए वो हर टास्क को आसानी से पूरा कर देती हैं। जबकि पुरूषों एक समय में एक ही काम करना पसंद करते हैं, पर वहीं महिलाओं को मल्टी टास्किंग में पूरा मजा आता है।

सिक्सथ सेंस का भी होता है कमाल

कहते हैं महिलाओं की सिक्सथ सेंस कमाल की होती है,बात चाहें किसी व्यक्ति की परख की हो या भावी योजना की सम्भावनाओं की वो सटीक अंदाजा लगा लेती हैं। यही खूबी बतौर लीडर उनके काम आती है… वो सोच समझकर ही किसी योजना में आगे कदम रखती हैं, जिसके चलते नतीजे उनके पक्ष में आते हैं।

सकारात्मक सोच देती है सही दिशा

महिलाओं को हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच बनाए रखना भी आता है, सामने चाहें कितना भी मुश्किल लक्ष्य हो वो धैर्य नहीं छोड़ती है। यही सकारात्मक सोच उनके लिए आगे की राह आसान बनाती है। सकारात्मक रवैये के कारण उन्हें दूसरों का भी पूरा सहयोग मिलता रहता है, जिससे लक्ष्य पाना आसान हो जाता है।

कम्युनिकेशन स्किल भी आती है काम

एक अच्छा लीडर बनने के लिए अच्छे कम्युनिकेशन स्किल की जरूरत होती है और ये तो सभी जानते हैं कि महिलाओं में कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन होती है। ऐसे में जब वो ऑफिस या किसी व्यवसायिक परियोजनाओं को लीड करती हैं तो यही कम्युनिकेशन स्किल उनके काम आती है। बात चाहें क्लाइंट को समझाने की हो या अपने सहयोगियों की सहमति पाने की वो सभी के सामने अपनी बात बेहतर तरीके से रख पाती हैं, जिससे उनका काम आसान बन जाता है।

स्वभाव की लचकता देती है मदद

महिलाओं में स्वभाव से कोमल और विनम्र होती हैं और स्वभाव की ये लचकता उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है। दरअसल, कई बार किसी खास प्रोजेक्ट के लिए आपको अपना सेल्फ ईगो पीछे रखकर दूसरों की मदद की जरूरत पड़ती है, जोकि महिलाएं आसानी से कर पाती हैं। उन्हें दूसरों की मदद लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती है और काम के मामले में खासतौर पर वो अपना सेल्फ ईगो आगे नहीं रखती हैं।

काम के प्रति समर्पण दिलाता है सफलता

महिलाओं में काम के प्रति समर्पण की भावना कूट-कूट कर भरी होती है। दरअसल, हमारे समाज में उच्चस्थ पदों पर पहुंचने के लिए एक महिला को कई तरह के संघर्षों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में जब उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सम्भालने को मिलती है, तो वो उसे पूरे समर्पण से निभाती हैं। साथ ही किसी भी काम को पूरा करने में महिलाएं अपने दिमाग के साथ दिल भी लगाती हैं और काम के लिए यही समर्पण की भावना उन्हें सफलता दिलाती है।

मैनेजमेंट का फंडा आता है काम

महिलाओं में पुरूषों की तुलना में मैनेजमेंट स्किल कई गुना अधिक होती है। दरअसल, इसकी शुरूआत घर से ही होती है… उन्हें बचपन से ही मैनेजमेंट का फंडा सिखाया जाता है। ऐसे में कम समय और सीमित साधनों के साथ उन्हें टास्क परफार्म करना बेहतर तरीके से आता है और जब कभी उन्हें ऑफिस या किसी व्यसायिक प्लेस में लीडर की भूमिका मिलती है, तो उनकी यही क्वालिटी काम आती है। अच्छी प्लानिंग और मैनेजमेंट के चलते वो किसी भी काम को उसके अंजाम तक आसानी से पहुंचा पाती हैं।

टीम वर्क में होती हैं अव्व्ल

अच्छा लीडर वही होता है, जो सभी सहयोगियों को साथ लेकर चलें और उनकी योग्यता का भरपूर उपयोग कर सकें और इसमें महिलाओं अव्वल होती हैं। असल में अपने से पहले दूसरों की सुध लेना महिलाओं के स्वभाव मे होता है। ऐसे में जब वो किसी टीम को लीड करती हैं, तो वहां भी दूसरों की सहूलियतों की पूरा ख्याल रखते हुए सभी लोगों से बेहतर तालमेल बिठा पाती हैं। इसके चलते उन्हें टीम का का पूरा सहयोग मिलता है और नतीजन टीम वर्क का अच्छा परिणाम निकलता है।

परिस्थितियों से जूझना आता है बखूबी

एक स्त्री को परिस्थितियों से जूझना बखूबी आता है, उन्हें बचपने से ही यही सिखाया जाता है कि किसी तरह से हर स्थिति के साथ तालमेल बिठाया जाए। ऐसे में जब वो किसी जिम्मेदारी भरे पद पर बैठती हैं, तो ये सीख भी उनके काम आती है। क्योंकि कार्यस्थल या व्यसायिक योजानाओं में कई बार अप्रत्याशित घटनाएं घट जाती हैं और ऐसी स्थिति को महिलाएं बेहतर ढंग से सम्भाल ले जाती हैं। यही खूबी उन्हें बेहतर लीडर और विजेता बनाता है।

सपने देखने का साहस देता है हौसला

सपने देखने के मामले में भी महिलाएं पुरूषों से आगे होती हैं। दरअसल, पुरूष जहां किसी भी काम को लेकर बेहद व्यवहारिक रवैया रखते हैं, वहीं महिलाएं सपने देखने और उन्हे पूरा करने में विश्वास करती हैं। लीडर के तौर पर वो इसी खूबी के साथ वो बड़े से बड़ा लक्ष्य बनाती है और उसे आसानी से पूरा भी कर ले जाती हैं।