बेशक किताबी पढ़ाई बच्चों के स्कूली पाठ्यक्रम का बहुत ज़रूरी अंग हैं, पर उतना ही ज़रूरी है किताबों और क्लास रूम के बाहर की पढ़ाई। आप अपने बच्चे को सामान्य विज्ञान की पढ़ाई के लिए किताबी दुनिया से दूर रियल वर्ल्ड में ले जा सकते हैं। जैसे बच्चे को घर के आसपास की जैव विविधता से भरी किसी जगह लेकर जाएं। वहां उसका परिचय अलग-अलग तरह के पेड़-पौधों, पक्षियों और कीटकों से कराएं। खुले माहौल में उसे मौसम की जानकारी दें।
पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की प्रक्रिया यानी प्रकाश संश्लेषण (फ़ोटो सिंथेसिस) के बारे में बताएं। सूर्योदय और सूर्यास्त के पीछे का विज्ञान बताएं। मौसम और इसमें होने वाले बदलावों की जानकारी दें। जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर अपनी और बच्चे दोनों की ही जानकारियों को अपडेट करें। जब बच्चों को इन विषयों की बेसिक जानकारी हो जाएगी, तो वे स्वत: आगे की बातें जानने के लिए प्रेरित होंगे।
बच्चे को आसपास के साइंस सेंटर्स लेकर जाएं
बच्चों का
मनोरंजन हर बार बच्चों की फ़िल्मों से ही कराया जाए, ज़रूरी नहीं है। आप
उनके मनोरंजन टाइम को लर्निंग टाइम में तब्दील कर सकते हैं। आपके शहर की उन
जगहों की सूची बनाएं, जहां बच्चा विज्ञान समेत दूसरे स्कूली विषयों से
जुड़ी प्रैक्टिकल जानकारियां पा सकता है। उदाहरण के लिए यदि आपके शहर में
कोई साइंस म्यूज़ियम हो तो उसे वहां ले जाएं।
अगर ऐसी जगह न हो तो
भी निराश न होइए, आप उसे चिड़ियाघर, मत्स्यालय (ऐक्वेरियम) या प्लैनेटेरियम
आदि जगहों पर ले जा सकते हैं। जहां वे उन चीज़ों को देख सकते हैं, जिसके
बारे में अपनी किताब में पढ़ते हैं। उन्हें देखकर वे उन चीज़ों को याद रखने
का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करेंगे। आप अपने शहर के ऐतिहासिक संग्रहालय
भी ले जा सकते हैं। वहां मानव विकास क्रम से संबंधित प्रदर्शनियां उनका
ज्ञानवर्धन करेंगी।
किचन को बेसिक प्रयोगशाला में तब्दील कर दें
आपके
किचन में कई ऐसी चीज़ें हैं, जो आसानी से प्रयोगों में काम आ सकती हैं। आप
किचन की चीज़ों से किए जाने वाले एक्सपेरिमेंट्स से संबंधित कोई बुकलेट
ख़रीद लें। उसके अनुसार छोटे-मोटे प्रयोग करके उन्हें दिखाएं और ख़ुद
उन्हें भी ट्राई करने के लिए प्रेरित करें। जैसे-आप बेकिंग सोडा और विनेगर
की मदद से वॉल्कैनो (ज्वालामुखी) से संबंधित प्रयोग कर सकते हैं।
पानी
की भाप को ठंडा करके आप बारिश का मूल सिद्धांत उन्हें स्पष्ट कर सकते हैं।
नई और अनयूज़्ड चम्मच से आप उन्हंं कॉन्कैव लेंस और कॉन्वैक्स लेंस से
जुड़े प्रयोग सिखा सकते हैं। नॉर्मल स्केल को ट्यूबलाइट की तरफ़ करके आप
उन्हें वाइट लाइट के अलग-अलग कलर्स में डिवाइड होने वाले प्रिंसिंपल के
बारे में बता सकते हैं।
माइक्रोस्कोप और टेलिस्कोप जैसे गिफ़्ट्स दें
विज्ञान
का बेस होता है ऑब्ज़र्वेशन। इस बेस को स्ट्रॉन्ग करने के लिए उन्हें
माइक्रोस्कोप और टेलिस्कोप जैसे सस्ते गिफ़्ट्स दें। इससे वे अपने आसपास की
चीज़ों को देखेंगे। उनके बारे में जानेंगे। वे कीड़ों-मकोड़ों को
माइक्रोस्कोप से देखकर काफ़ी कुछ सीख सकेंगे। टेलिस्कोप से रात को आसमान का
अध्ययन करेंगे तो उनका मन विज्ञान की ओर सहज रूप से आकर्षित होगा।
उन्हें सवाल पूछने के लिए प्रेरित करें
क्यूरियोसिटी
या जिज्ञासा वह चीज़ है, जो बच्चों को विज्ञान से जोड़ती है। अपने बच्चे
को जिज्ञासु बनाएं। यह होगा कैसे? इसके लिए आपको उन्हें सवाल प़ूछने के लिए
प्रेरित करना होगा। उनके बाल मन में आने वाले सवालों के वैज्ञानिक जवाब
देने होंगे। वे आसपास की चीज़ों के बारे में सवाल पूछ सकते हैं, मसलन-यह
आसमान नीला क्यों है? पेड़ की पत्तियां हरी क्यों हैं? हवा क्यों चलती है?
बिजली कैसे कड़कती है? चीज़ें ऊपर से नीचे ही क्यों आती हैं? जहाज़ हवा में
कैसे उड़ते हैं? नाव पानी में डूबती क्यों नहीं? इस तरह के कई सवाल उनके
मन में आ सकते हैं।
आपको उन पर चिढ़े बिना, शांति के साथ सवालों के
सही जवाब देने होंगे। इन सवालों के जवाब बताने वाली छोटी-छोटी किताबें
लाकर उन्हें देनी होगी। आपके ये छोटे-छोटे प्रयास आपके बच्चे को विज्ञान की
ओर आकर्षित करेंगे। वह भले ही आगे चलकर किसी भी विषय को चुने, पर उसमें
कॉमनसेंस डेवलप होगा, उसकी सोच वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली होगी। वह एक
तार्किक इंसान बनेगा। आपको बतौर पैरेंट भला और क्या चाहिए।