इन दिनों तेजी से सफलता पाने की दौड़ में लोगों में आपसी परवाह की कमी होती जा रही है। लालसाएं आसमान छू रही हैं, मन कमजोर होता जा रहा है, निराशा बढ़ रही है और इन सबके चलते तब जीवन में कोई उम्मीद नज़र नहीं आती, तब हिम्मत भी टूट जाती है और सिर्फ एक ही समाधान नज़र आता है और वह है आत्महत्या। अगर आपका भी कोई अपना इन समस्याओं से जूझ रहा है तो इन पहलू पर करें गौर, हो सकता है आपकी परवाह किसी को नया जीवन देने में मदद कर सके।
कारणों पर करें गौरइंसान के हालात पर परवाह भरी नजर डालकर आत्महत्या के कारणों का अंदाजा लगाया जा सकता है। मुख्य रूप से कमजोर आर्थिक स्थिति, रिश्तों में उलझन, अकेलापन, मानसिक परेशानी, असाध्य बिमारी, लगातार मिल रही असफलताएं आदि कारण है जिनके चलते व्यक्ति अपने आपको कमजोर समझकर आत्महत्या का रास्ता चुनता है।
बदलाव से करें पहचान
अगर आपके घर में, ऑफिस में या पड़ोस में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसमें ये लक्षण देखने को मिलंे तो उसे लेकर हमेशा सजग रहें। जैसे हमेशा अकेलापन महसूस करना, जीने की उम्मीद छोड़ देना, बार-बार मरने की बातें करना, असामान्य नींद आना, भूख कम लगना, नशीली दवाओं का आदि होना, दूसरों के साथ संपर्क कम कर देना, छोटी-छोटी बातों पर भावुक हो जाना, हमेशा चिंतित रहना।
बात करके निकालें हलअगर आपको शक है कि आपका कोई परिचित हताशा और निराशा से गुजर रहा है, तो उससे बात करें।उसकी समस्याओं को सुनें और उनके हल ढूढ़ने का प्रयास करें।
प्यार से आएं पेश - ऐसे व्यक्ति से शांति और प्यार से बातें करें। उन्हें अहसास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ है। ऐसे लोगों को प्यार की बहुत जरूरत होता है।
साइकोलोजिस्ट की मदद लें
अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में खुद को नुकसान पहुंचाने के विचार आते हैं तो तुरंत साइकोलोजिस्ट की मदद लें।