सगाई और शादी के बीच का समय बहुत जरूरी होता हैं ताकि आप एक-दूसरे को समझ सकें और उसके मुताबिक खुद को ढाल सकें ताकि दांपत्य जीवन में कोई परेशानी ना आए। हांलाकि शादी के बाद एक-दूसरे के साथ से ही सही समझ की शुरुआत होती हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता हैं कि दांपत्य जीवन और कैरियर के बीच सामंजस्य ना बिठा पाने की वजह से रिश्तों में समस्याएं आने लगती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ जरूरी जानकारी लेकर आए हैं ताकि कैरियर के चलते आपके दांपत्य जीवन में कोई परेशानी ना आए।
घर और दफ्तर को रखें अलग
घर आने पर दफ्तर की ही बातें न करें। अपना दफ्तर का काम पूरा करके लौटें ताकि दफ्तर से आपको बार-बार घर पर फोन न आएं। यदि दफ्तर से बार-बार घर पर फोन आएंगे तो आपका हमसफर चिढ़ने लगेगा। बोस के सामने भी कोई काम के पूरा न हो पाने पर या देरी से ऑफिस पहुंचने पर बार-बार घर का बहाना न बनाएं।
एक-दूसरे को थोड़ा अधिक समझें
इस बात की गांठ बांध लें कि आपका जीवनसाथी कितना ही व्यस्त क्यों न रहे दिनभर काम में लेकिन लौटकर वह आप ही के पास आएगा। आप दोनों एक- दूसरे से प्रेम करते हो इसलिए आपके हमसफर के मन में भी यही विचार रहता है कि वह जल्द से जल्द आपके पास लौटे।
कुछ न छिपाएं
यदि ऑफिस में काम अधिक है और आज आप लेट होने वाले हैं तो पहले से अपने साथी को सूचित कर दें। यदि आप सोचेंगे कि आप काम निपटा लेंगे और जल्दी आ जाएंगे तो दफ्तर के मामले में यह सब बातें झूठी साबित होती है। पहले से बता देंगे तो आपके लौटने पर माहौल सामान्य ही रहेगा।
समय निकालें
शादी को यदि ज्यादा समय नहीं हुआ है तब तो बहुत जरूरी है कि आप अपने हमसफर के लिए समय निकालें। यदि आप 6 दिन पूरे मन से काम करते हैं तो छुट्टी वाला एक दिन पूरा जीवनसाथी को समर्पित करें। ऐसा न हो कि उस दिन आप सोने को या अन्य किसी कार्य को महत्व दे रहे हों।
स्पष्ट बात करें
यदि आपको कोई बात महसूस हो रही है तो उसे मन में दबाकर न रखें। एक-दूसरे से अपनी बात को साझा करें तभी कोई हल निकल पाएगा। अपने हमसफर को समझना बहुत जरूरी है लेकिन यदि सामने वाला आपको नहीं समझ रहा है तब तो स्पष्ट रूप से बात करना बहुत आवश्यक हो जाता है।