क्या आप बनना चाहते हैं अपने बच्चों के रोल मॉडल, इन 7 तरीकों से बने उनका आदर्श

अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए उनके पेरेंट्स उन्हें सही राह दिखाते हैं और चाहते हैं कि बच्चे उनका कहना मानते हुए एक नेक इंसान बने। माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे उन्हें अपना रोल मॉडल बनाने और उनका हर कहा माने। इसके लिए माता-पिता को भी उसी अनुसार व्यवहार करना पड़ता हैं। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे की नजरों में एक अच्छी छवि बनाए रखें ताकि बच्चे उनसे कतराने की बजाय अनुसरण करें। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनके माध्यम से आप अपने बच्चों का रोल मॉडल बन सकते हैं।

जड़े हों मजबूत

परवरिश का सबसे पहला और महत्वपूर्ण पड़ाव है बच्चों की जड़ों को‌ सकारात्मक तरीके से मजबूत बनाना। ऐसे में शुरुआत से ही बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आप अपने बच्चे को शुरू से ही छोटे छोटे कदम लेकर आगे बढ़ना सिखाएं। साथ ही खुद भी उनके साथ छोटे छोटे कदम बढ़ाए। ऐसा करने से आपका बच्चा आपको देखकर आगे बढ़ने की कोशिश करेगा और आपको अपना रोल मॉडल मानेगा।

बच्चों के सामने सकारात्मक रहना है जरूरी

माता-पिता जितना अपने बच्चों के सामने पॉजिटिव रहेंगे बच्चा भी उतना पॉजिटिव रहने की कोशिश करेगा। ऐसे में कैसी भी परिस्थिति हो माता पिता पॉजिटिव रहें और अपने बच्चे को भी पॉजिटिव बनना सिखाएं। साथ ही बच्चे को यह भी बताएं कि पॉजिटिव रहकर ही सही निर्णय लिया जा सकता है और चुनौती से निपटा जा सकता है। अगर बच्चे किसी जल्दबाजी में रहेंगे या नकारात्मकता विचारों के साथ निर्णय लेंगे तो इससे उनके द्वारा लिए गए फैसले गलत हो सकते हैं।

बच्चों को दें थोड़ी सी छूट


कभी-कभी उनका रोल मॉडल बनने के चक्कर में माता-पिता उन पर अपने प्रयासों को थोपना शुरू कर देते हैं। पर ऐसा करना गलत है। ऐसे में माता पिता बैलेंस बनाए रखें। माता-पिता अफने बच्चों पर ज्यादा प्रेम या ज्यादा सख्ती ना बरतें। हमेशा सामान्य व्यवहार रखें। ऐसा करने से बच्चे के व्यवहार में भी समानता आएगी और दिखावटीपन दूर होगा। हमेशा ध्यान रहे कि बच्चों के सामने किसी भी प्रकार की एक्टिंग ना करें।

अपने आप को बनाएं उदाहरण

माता-पिता के जीवन में भी अनेकों उतार और चढ़ाव आते हैं। ऐसे में अपने बच्चे को अपना उदाहरण दें और उन्हें कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताएं जिन से लड़कर आपने जीत हासिल की हो। इससे बच्चों का मनोबल भी बढ़ेगा और बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की भी उन्नति होगी। साथ ही जब बच्चों के जीवन में कोई मुसीबत आए तो वे भी आपकी तरह उससे लड़कर जीत हासिल करें या उससे हार के बाद भी कुछ सीखें।

बच्चों की भी सुनें


क्या एक रोल मॉडल का केवल यही काम है कि अपने बच्चों को सुनाना और समझाना? जी नहीं, रोल मॉडल अपने बच्चे की सुनते भी हैं। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों की सुनें और उनके विचारों और भावनाओं को जानें। एक अच्छा श्रोता बनना ही रोल मॉडल के महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। जब माता पिता बच्चे की सारी बातों को सुनेंगे तो बच्चा भी उनकी बातों को महत्व देना।

बच्चों से करें खुलकर बातें

माता पिता अपने बच्चों के सामने चुनिंदा बातों को रखते हैं और गलत बातों को हमसे छुपा लेते हैं पर ऐसा करना भी उनके व्यक्तित्व पर गलत असर डाल सकता है। बच्चों को हर बात बतानी चाहिए। खासकर उनसे जुड़ी बातों का निर्णय अगर बच्चे से मिल कर लिया जाए तो ऐसा करने से बच्चों के विचार भी खुलते हैं साथ ही उन्हें अपनी महत्व का भी एहसास होता है।

लक्ष्य को करें निर्धारित


माता पिता को सबसे पहले बच्चों को लक्ष्य का मतलब समझाना चाहिए और उसे पाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। ध्यान रहे बच्चों का लक्ष्य तय करते वक्त माता-पिता बच्चों की राय जरूर लें। साथ ही साथ उनकी दिलचस्पी के बारे में भी जानें। जब बच्चों की दिलचस्पी से जुड़ा लक्ष्य हासिल होगा तो बच्चे उसे पाने के लिए भी जी तोड़ मेहनत कर सकते हैं। साथ ही आप भी बच्चों का एक अच्छा रोल मॉडल बनेंगे।