बच्चों में इस तरह विकसित करें अच्छी आदतें, मानसिक रूप से बनेंगे मजबूत

बच्चे मनमौजी होते हैं जो परिणाम की चिंता करे बिना काम करते हैं। समय के साथ बच्चों में समझदारी उत्पन्न होती हैं जो उनके आने वाले भविष्य को संवारने का काम करती हैं। बच्चों के आसपास का वातावरण और उनकी दैनिक दिनचर्या उनमें सही आदतें विकसित करने में मदद करती हैं। शारीरिक विकास के साथ ही बच्चों का मानसिक विकास होना भी जरूरी हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि आप अपने बच्चों में ऐसी आदतें विकसित करें जो उन्हें व्यवहारिक तौर पर बेहतर प्रदर्शित करें। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करने के साथ ही उनका बेहतर मानसिक विकास किया जा सके।

कोर्स से अलग किताबें भी पढ़ाएं

अक्सर पेरेंट्स सोचते हैं कि बच्चों को उनके कोर्स की ही किताबों पढ़नी चाहिए। ताकि वे अपनी क्लास से आगे निकल सके। मगर ऐसा सोचना या करना गलत है। असल में, बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान पैदा करने के लिए उन्हें अलग कोर्स की किताबें भी पढ़ानी चाहिए। आप चाहे तो वे जिस विशेष में वे दिलचस्पी रखते हैं उन्हें वो पढ़ा सकते हैं। इससे आपके बच्चे पढ़ने के लिए अधिक प्रेरित होंगे। ऐसे में उनकी पढ़ने व याद करने की आदत विकसित होगा। वैसे अलग-अलग कहानियों, उपन्यास (नॉवेल्स), कॉमिक्स आदि पढ़ने से भी कई बार भाषा और व्यवहार की जानकारी मिल सकती है।

अखबार पढ़ें और बच्चों से भी पढ़ाएं

अखबार पढ़ने से देश-दुनिया की जानकारी मिलने के साथ बहुत सारे नए विषयों का ज्ञान भी मिलता है। अगर आपका बच्चा छोटा है तो आप उसे मनोरंजक खबरों पढ़कर सुनाएं। अगर वह खुद पढ़ सकता है तो उसे अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित करें। बच्चे मोबाइल पर क्या देख या पढ़ रहे हैं इसपर ध्यान देना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए उसे अखबार पढ़ने के लिए ही कहें।

डर का सामना


हम सभी अपने जीवन में किसी न किसी चीज से डरते हैं और इसलिए उसका सामना करने से डरते हैं। अगर आपका बच्चा भी किसी चीज से डरता है तो पहले उसका आत्मविश्वास बढ़ाएं और फिर उसे प्रोत्साहित करते हुए डर का सामना करना सिखाएं। इस तरह जब एक बार बच्चा अपने डर का सामना कर लेता है तो उसे दुनिया की कोई भी परेशानी या कठिन परिस्थिति मुश्किल नहीं लगती क्योंकि वह जीवन में अपने सबसे बड़े डर का सामना कर चुका होता है।

बच्चों को सवाल करने की आदत डालें

आपको बच्चे में सवाल पूछने की आदत डालनी चाहिए। इससे वे अलग-अलग विषयों के बारे में जानकारी हासिल कर पाएगा। घर पर ऐसा माहौल रखें कि बच्चा बिना झिझक के अपना सवाल पूछ पाएं। इससे उनका मानसिक विकास होगा। इसके साथ ही वे खुल कर सबके सामने अपनी बात रख पाएंगे।

करने दें गलती


आज के समय में हर पैरेंट्स अपने बच्चे को परफेक्ट व हर कदम पर आगे देखना चाहते हैं और यहीं पर वह गलती कर बैठते हैं। दरअसल, माता-पिता के इस व्यवहार से बच्चा गलती करने से डरता है और फिर उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है। अमूमन लोग अपनी गलतियों से सीखते हैं और जब आप बच्चे से परफेक्शन की उम्मीद करते हैं तो वह चीजों को बेहतर तरीके से सीख ही नहीं पाता। इसलिए बच्चे को गलती करने दें। साथ ही उसे यह भी बताएं कि गलतियां करना लर्निंग का ही प्रोसेस है और इसलिए अगर उनसे गलती होती है तो उसमें शर्मिन्दा होने या हिचकिचाने की जरूरत नहीं है। इस तरह बच्चा गलतियों से सीख-सीखकर मानसिक रूप से मजबूत होता चला जाता है।

बच्चों को दूसरों से घुलने-मिलने के लिए प्रेरित करें


अक्सर बच्चे शर्मिले व संकोची किस्म के होते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी ऐसा है तो उसे सबके साथ घुलने-मिलने के लिए प्रेरित करें। इससे वे व्यवहार कुशल बनेंगे। इसके लिए आप बच्चे को बाहर दूसरे बच्चों के साथ खेलने भेज सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो घर पर अपने बच्चों के दोस्तों को बुलाकर उन्हें कोई गेम खिला सकते हैं। इससे आपका बच्चा बोलने, समझने, दूसरों से अच्छा व्यवहार करने आदि चीजों को सिखेगा। इसतरह बच्चे का मानसिक विकास बेहतर होगा।