किसी भी रिश्ते में इमोशनल इंटीमेसी यानी भावनात्मक अंतरंगता एक महत्वपूर्ण पहलू है। और जब बात पति-पत्नी के रिश्तों की हो तो इमोशनल इटीमेसी की उपेक्षा की ही नहीं जा सकती। इमोशनल इंटीमेसी सकारात्मक भावनाएं घोलकर रिश्तों को और भी मजबूत बनाती है। इसके विपरीत इमोशनल इंटीमेसी के अभाव में अकेलेपन की भावना पैदा होती है और पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ती है। आइए जानते है कि किन कारणों से रिश्तों में भावनात्मक लगाव की कमी होती है-
जरूरतों को नहीं समझ पाना
पति-पत्नी के रिश्तों का आधार आपसी समझ होती है। इस रिश्ते में दोनो एक-दूसरे से अपेक्षा करते है कि वे बिना कहे एक-दूसरे की जरूरतों को समझें। ये जरूरत शारिरिक, घरेलू या भावनात्मक कुछ भी हो सकती है। कई बार आप अपने पार्टनर की जरूरतों को समझ नहीं पाते और इससे इमोशनल इंटीमेसी में कमी आती है।
पारस्परिक संवाद की कमी
पति-पत्नी के रिश्तों में कभी-कभी ये समझना बहुत मुश्किल हो जाता है कि कैसे, कब, कहां और कितना अपने आप को कम्यूनिकेट करना है। आजकल की दौड़-भाग वाली जिंदगी में आपस में संवाद की कमी के चलते इस रिश्तें में इमोशनल इंटीमेसी की कमी आ जाती है।
आत्म-सम्मान की कमीअगर कोई व्यक्ति अपने पार्टनर की लगातार आलोचना करता रहता है या उसमें कमियां खोजता रहता है तो उससे पार्टनर के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है और उसका आत्म-विश्वास भी कम हो सकता है। इमोशनल इंटीमेसी को कम करने का यह मुख्य कारण है।
बात-बात पर नाराज होन
बात-बात पर नाराज होने से रिश्ते में प्यार कम होता है और प्यार की कमी होते ही इमोश्नल इंटीमेसी में कमी आती है।
दूसरे कपल से तुलना
दूसरे कपल कितने खुश है। आप उसके पति की तरह क्यों नहीं है या तुम उसकी पत्नी की तरह क्यों नहीं रहती, ये सब बातें रिश्तों में दूरियां लाती है और भावनात्मक अंतरंगता को भी कम करती है।