कच्ची हल्दी का अचार सेहत के फायदेमंद होता है क्यों की इसके सेवन से पुराने से पुराना दर्द को दूर किया जा सकता है. और साथ ही जब भी इसके अचार का सेवन करते है तो स्वाद भी बदल जाता है. तो आइये जानते है इस अचार को बनाने के बारे मे.....
सामग्री : कच्ची हल्दी - 250 ग्राम (कद्दूकस की हुई एक कप)
सरसों का तेल - 100 ग्राम (आधा कप)
नमक - 2 1/2 छोटी चम्मच
लाल मिर्च - आधा छोटी चम्मच
दाना मैथी - 2 छोटी चम्मच दरदरी पिसी
सरसों पाउडर - 2 छोटी चम्मच
अदरक पाउडर - 1 छोटी चम्मच
हींग - 2-3 पिंच
नीबू - 250 ग्राम ( 1/2 कप का रस)
विधि :
हल्दी को छीलिये और धोकर पानी सुखाने के लिये थोड़ी देर के लिये धूप में रख दीजिये या सूती कपड़े से पोंछ कर पानी हटा दीजिये.
अब इस छिली हल्दी को कद्दूकस कर लीजिये या बारीक काट लीजिये. चूंकि हल्दी का अचार एकदम कम मात्रा में खाया जाता है इसलिये छोटे टुकडों के अचार के बजाय कद्दूदक की गई हल्दी का अचार अधिक सुविधाजनक होता है.
सरसों का तेल कढ़ाई में डाल कर अच्छी तरह गरम करके, थोड़ा सा ठंडा कर लीजिये, तेल में हींग, मैथी और सारे मसाले और कद्दूकस की गई हल्दी डाल कर अच्छी तरह मिलाइये.
हल्दी के अचार को प्याले में निकालिये और अचार में नीबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाकर हल्दी के अचार को ढककर रख दीजिये. 4-5 घंटे बाद अचार चमचे से फिर से ऊपर नीचे करके मिला दीजिये.
हल्दी का अचार बन चुका है, हल्दी के अचार को एकदम सूखे कांच या चीनी मिट्टी के कन्टेनर में भर कर रख लीजिये, सम्भव हो तो अचार के कन्टेनर को 2 दिन धूप में रख दें, धूप में रखने से अचार की सैल्फ लाइफ बढ़ जाती है और अचार स्वादिष्ट भी हो जाते हैं.
हल्दी का अचार यदि तेल में डुबा हुआ रखा हो तब यह अचार 6 महिने से भी ज्यादा अच्छा रहेगा.