भारतीय भोजन में प्याज का बड़ा महत्व हैं। कई घरों में तो बिना प्याज के सब्जी की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं। सभी को इसका स्वाद पसंद आता हैं और यह सेहत के लिए भी लाभदायी होता हैं। लेकिन परेशानी आती हैं इसे काटने की क्योंकि इसे काटते समय आंखों में जलन और आंसू की समस्या होने लगती हैं। इस परेशानी के चलते लोग प्याज काटने से कतराते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से अब प्याज काटते समय आंखों से आंसू नहीं आएंगे। आइये जानते हैं इन बेहतरीन टिप्स के बारे में।
- प्याज़ को काटने से पहले उसे फ्रीज़र में 10-15 मिनट तक ठंडा होने दें इससे हवा में मिलने वाले एसिड एंजाइम की मात्रा कम हो जाती है और इसके स्वाद पर असर भी नहीं पड़ता है। कुछ फ़ूड एक्सपर्ट्स की मानें तो यह प्याज से होने वाली जलन और आंसुओं को कम करने का सबसे कारगर तरीका है।
- आप जिस जगह प्याज काट रहे हों वहां मोमबत्ती या लैंप जला लें। ऐसा करने से प्याज से निकलने वाली गैस कैंडल या लैंप की ओर चली जाएगी और आपकी आंखों तक नहीं पहुंचेगी।
- मुंह से सांस लेने से प्याज़ से निकलने वाले तत्व नाक की अंदरुनी परत तक पहुंच नहीं पाएंगे। बस ध्यान रखिए कि प्याज़ काटते हुए आपकी जीभ थोड़ी बाहर निकली रहे। इस तरह गैस लार के साथ मिलकर पूरी तरह से केमिकल रिएक्शन की प्रक्रिया पूरी कर लेगी और आपके नाक और आंखों में नहीं जा सकेगी।
- विनेगर जैसे एसिड्स प्याज़ से उत्पादित एसिड को बेअसर कर देते हैं। इसलिए प्याज़ की वजह से निकलनेवाले आंसुओं से बचने के लिए एक कटोरी पानी लेकर उसमें नमक औऱ थोड़ा विनेगर(सिरका) मिलाइए और प्याज़ को छीलकर इनमें डुबाएं और फिर काटें। आप चाहें तो प्याज़ काटने से पहले इसे चॉपिंग बोर्ड पर छिड़क भी सकते हैं। जिसका नतीज़ा भी विनेगार वाले पानी में डुबोने जैसा ही होगा।
- प्याज़ काटते वक़्त मिंट गम चबाएँ। यह आपकी मुँह को चलाता रहेगा और आप कम आँसू बहाएँगे। आप ब्रेड का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते है। ऐसा कहते हैं कि इसे चबाने से प्याज़ काटते समय आंसू नहीं आते। ब्रेड को एकदम धीरे धीरे चबाएँ। आपके मुँह में पानी आएगा, जिससे थोड़ी दिक्कत होगी लेकिन आँखों से पानी नहीं निकलेगा।
- प्याज काटते वक्त आप सीटी भी बजा सकते हैं। ऐसा करने से प्याज से निकलने वाली गैस आपकी आंखों में नहीं जाएगी।
- गरम केतली या गरम पैन के पानी से आपको मदद मिल सकती है। भाप प्याज़ से वाष्प बाहर निकाल कर उसके एसिड को निष्क्रिय कर देती है।