लाइटिंग बढ़ाती हैं घर की सुंदरता, लगाने से पहले जानें ये जरूरी बातें

काश एक ऐसा तत्व है, जिसके जरिए हम अपने घर को रोशन कर सकते हैं। अगर हमारे घर में इंटीरियर्स बेहद खूबसूरत है, तो हम सही लाइटिंग के जरिए हाईलाइट कर सकते हैं। हमारा घर हमारे ख्वाबों का आशियाना होता है और हम घर पर इस तरह रहना चाहते हैं, जिससे जीवन में आनंद की प्राप्ति हो। दर लाइट घर में शांतिपूर्ण माहौल बनाएं रखने में सबसे खास होती है। साथ ही समझदारी से लगाई गई लाइट बिजली और पैसा दोनों बचाती है, इसलिए जरूरी है कि लाइट लगाने के पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। जिस तरह लोग ऑफिस में ऐसा माहौल चाहते हैं, जहां ध्यान लगाकर काम हो सके, उसी तरह घर में लोग शांति और आराम की इच्छा रखते हैं।

डाइनिंग रूम

डाइनिंग रूम की व्यवस्था बहुत हद तक परिवार के सदस्यों पर निर्भर करती है। हर घर में इस कमरे की सजावट अलग तरीके से की जाती है। डाइनिंग रूम में परिवार के सदस्य खाने-पीने का एक साथ लुत्फ उठाते हुए आपस में बातचीत करते हैं और इस तरह घर में खुशियां गुलजार रहती हैं। डाइनिंग रूम में लाइटिंग की व्यवस्था करते हुए इस बात का ध्यान रखें की लाइट्स का फोकस कमरे की दीवारों या छत पर ना हो। बेहतर होगा की लाइटिंग का फोकस कमरे की साज-सज्जा और डाइनिंग टेबल की तरफ हो।

प्राकृतिक रोशनी का सही मिश्रण

घरों को हमेशा से ही वास्तु और योजना से ही बनाया जाता है और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि धूप व हवा सही तरीके से घर में आएं। घर के अंदर लाइट लगाने से पहले इस बात को समझ लेना चाहिए कि बाहर से आने वाली धूप या रोशनी किस कमरे में और किस तरफ से आती है। साथ ही मौसम के अनुसार धूप तेज या धीमी हो जाती है तो पर्दो का रंग उसी अनुसार होना चहिए ताकि प्राकृतिक रोशनी का आप अधिकतम उपयोग कर सकें।

लिविंग रूम

लिविंग रूम एक ऐसी जगह है, जहां पर घर के सभी सदस्य वक्त बिताते हैं। यह जगह पूरे घर का मुख्य केंद्र होती है, इसीलिए यहां पर अधिकतम प्रकाश होना चाहिए, इससे घर में खुशियां बनी रहती हैं। लिविंग रूम में एक्सेंट लाइटिंग रखें, जिससे कि कमरे की ओवरऑल ब्राइटनेस बनी रहे।अगर आपके लिविंग रूम में दक्षिण पश्चिम दिशा में दीवार है तो वहां पर परिवार की एक तस्वीर लगाएं और उस पर लाइट का फोकस रखें। इससे घर में समृद्धि आती है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

संतुलित लाइट का करें इतेमाल

किसी भी कमरे में जरूरत से ज्यादा या कम लाइट उत्तीर्ण नहीं मानी जाती है। ये न केवल कीमत बढ़ाती है, बल्कि आंखों पर भी खासा प्रभाव डालती है। उदाहरण के तौर पर किचन, बेडरूम, स्टडी रूम आदि जगहों पर 300 से 400 लक्स लेवल की लाइट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। सबसे बेहतर है कि एलईडी लाइट का इस्तेमाल किया जाए, इससे बिजली की बचत और संतुलित प्रकाश तो होता ही है, साथ ही दीवार और फर्नीचर का रंग खुल के सामने भी आता है।

बेडरूम


बेडरूम वह जगह होती है, जहां घर के सदस्य खुद को रिलैक्स करते हैं। यहां परिवार के सदस्य अधिकतम समय बिताते हैं, फिर चाहे वह पढ़ना-लिखना हो, रिलैक्स करना हो या खुद को इंजॉय करना हो। इस कमरे में टेबल लैंप का प्रयोग कर सकती हैं, विशेष रूप से फोटोग्राफ्स और पेंटिंग्स को फोकस करती हुई लाइट्स की व्यवस्था कर सकती हैं। इसके अलावा भी कमरे में सामान्य तौर पर प्रकाश की अच्छी व्यवस्था होनी
चाहिए।