सर्दियों के आते ही हरी सब्जियां बाजारों में नजर आने लगती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छी होती है। बथुआ भी सर्दियों में ही मिलता है। यह सब्जी मार्केट में आसानी से मिल जाता है और देश भर में लोग बथुआ का सेवन करते हैं। आप भी जरूर बथुआ को खाते होंगे, लेकिन आपको केवल यह पता होगा कि बथुआ को साग के रूप में खाया जाता है। अधिकांश लोगों को बथुआ के औषधीय गुणों के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है। क्या आपको पता है कि बथुआ एक औषधी भी है, और बथुआ खाने के फायदे कई रोगों में मिलते हैं? इसमें विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बथुआ साग के फायदे के बारें में जानकारी देंगे...
सेल्स की करें मरम्मत बथुआ अमीनो एसिड से भरपूर होता है। हमारी कोशिकाओं का एक बड़ा हिस्सा अमीनो एसिड से बना है। ऐसे में यह कोशिकाओं के कामकाज, मरम्मत और गठन में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।दांतोंके दर्द और सूजन को करें कमअगर आपको दांत में दर्द हो रहा हो तो बथुआ के बीज का चूर्ण बनाकर दांतों पर रगड़ें। इससे दांत का दर्द तो ठीक होता ही है, साथ ही मसूड़ों की सूजन भी कम हो जाती है।बथुआ के पत्तों को उबालकर पीस लें। इसे सूजन वाले अंग पर लगाने से सूजन कम हो जाती है।कब्ज की समस्या के लिए फायदेमंदकब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए बथुआ के पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं। इससे कब्ज के साथ-साथ बवासीर, तिल्ली विकार, और लिवर विकारों में लाभ मिलता है।
इम्युनिटी/रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाएरोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो जाने पर लोगों को अनेक बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए रोग प्रतिरक्षा शक्ति का मजबूत होना बहुत जरूरी है।जिन लोगों कि रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो, वे बथुआ के शाक (सब्जी) में सेंधा नमक मिलाकर, छाछ के साथ सेवन करें। इससे रोग से लड़ने की शक्ति (रोग प्रतिरक्षा शक्ति) मजबूत होती है।
पेट के कीड़ों से दिलाए निजात
पेट में कीड़े हो जाने पर बथुआ का उपयोग लाभ पहुंचाता है। बथुआ के रस में नमक मिलाकर पिएं। इससे पेट के कीड़े खत्म होते हैं। आपको बता दे किबथुआ के पत्ते में के रिडोल होता है, जिसका प्रयोग आंतों के कीड़े को खत्म करने के लिए भी किया जाता है।
मूत्र रोग में लाभमूत्र रोग को ठीक करने के लिए बथुआ के पत्ते का रस निकाल लें। इसमें मिश्री मिलाकर पिलाने से मूत्र विकार खत्म होते हैं।
ल्यूकोरिया रोग के लिए रामबाण बथुआ का इस्तेमाल ल्यूकोरियामें भी लाभ पहुंचाता है। ल्यूकोरिया से पीड़ित लोग 1-2 ग्राम बथुआ के जड़ को जल या दूध में पकाएं। इसे तीन दिन तक पिएं। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
जोड़ो के दर्द में पहुंचाए आराम जोड़ों में होने वाले दर्द के कारण लोगों को बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है। शरीर के जिस अंग में तकलीफ हो रही हो, उस अंग की गतिशीलता में कमी आ जाती है।आप जोड़ों के दर्द में बथुआ का सेवन करे। इससे जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा।बथुआ के पत्ते एवं तना का काढ़ा बनाकर जोड़ों पर लगाएं। इससे जोड़ों के दर्द ठीक होते हैं।
बालों को दे पोषण चूंकि बथुआ प्रोटीन, खनिज और अन्य विटामिनों से भरपूर होता है, यह आपके बालों को जड़ों से मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे बालों का झड़ना कम होता है, जिससे आपके बाल मुलायम, चमकदार और स्वस्थ बनते हैं।
अन्य लाभ मोच आने पर बथुआ के पत्ते को पीसकर लगाएं। इससे मोच के कारण होने वाले दर्द से आराम मिलता है। इसके अलावा खांसी होने परबथुआ के पत्तों की सब्जी बनाकर सेवन करें। इससे खांसी में आराम मिलता है।