International Yoga Day: इस योगासन से होगा आपके बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास, लेकिन रखें इन बातों का ध्यान

समय के साथ-साथ देश भर में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में योग के महत्व को समझा है। जहां युवाओं से लेकर बड़े बूढ़ों ने योग को अपने जीवन में शामिल कर लिया है। वहीँ माता पिता के लिए इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि छोटे बच्चों से योगा करवाना सही रहेगा या नही और अगर यह सही है तो फिर योग करने के लिए बच्चे की कम से कम उम्र कितनी होनी चाहिये। आज हम अंतराष्ट्रीय योग दिवस के ख़ास मौके पर आपको बताएंगे की आप किस उम्र में और किन योग मुद्राओं से अपने बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते है।

हर उम्र में हो सकता है योग

अगर आप छोटे बच्चों को ध्यान से देखें तो वे खुद ही किसी न किसी योग मुद्रा को करते हुए दिखते हैं। जैसे जब बच्चा जन्म लेता है उस समय वो अपने आप ही आदि मुद्रा में होता है। इसी तरह जब बच्चे सोते हैं तो वे चिन्मय मुद्रा में सोते हैं जो कि सोने के लिए सबसे उपयुक्त मुद्रा है। इसी तरह बच्चे को कभी भी उठतेए बैठते या चलते देखिये वे हमेशा किसी न किसी खास योग मुद्रा में ही रहते हैं। इसलिए बच्चों को योग सिखाने के लिए कोई ख़ास उम्र नहीं चाहिये बल्कि बस उन्हें योग सिखाने के लिए एक अच्छे योग टीचर की ज़रूरत होती है।

बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार जरूरी

सूर्य नमस्कार करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है और उनकी याद रखने की क्षमता भी बेहतर होती है। इसलिए माता-पिता को सूर्य नमस्कार को बच्चों की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इसे करने के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु 7-8 साल होनी चाहिये।

प्राणायाम करना सुरक्षित

प्राणायाम करना बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और सात से आठ साल के बच्चे आसानी से प्राणायाम कर सकते हैं। हालांकि बच्चे जब प्राणायाम करें तो आप उन्हें ऐसे प्राणायाम न करने दें जिसमें देर तक सांसे रोक कर रखनी हो। इसलिए छोटे बच्चों से कपालभाति प्राणायाम न करवाएं।

बच्चों को ना करवाए एडवांस योगा

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों को किसी योग टीचर की देख रेख में ही योग करवाएं और आज के समय के एडवांस्ड योगासन न करवाएं। बच्चों से योग तभी करवाएं जब उनका मन हो और वे इसे सहजता से करें। कभी भी योग के लिए जबरदस्ती न करें।

अच्छी सेहत के लिए योग जरूरी

अगर योग को सही प्रकार से किया जाएए तो बच्चों को इससे विभिन्न तरह के लाभ हो सकते हैं। योग करने से बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। योग शरीर को लचीला बनाने के साथ ही बच्चे की याददाश्त को बढ़ाता है। बच्चों में भावनात्मक विकास भी होता है और तनाव को भी कम किया जा सकता है।