World Thyroid Day 2022: ये 9 लक्षण थायराइड का संकेत, बिल्कुल ना करें नजरअंदाज

हर साल 25 मई को थायरॉयड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड थायराइड डे (World thyroid day 2022) मनाया जाता है। थायराइड ग्लैंड के सही तरीके से काम ना कर पाने की वजह से ये समस्या होती है। थायराइड तितली के आकार की ग्रंथि होती है। यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर स्थित होती है। थायराइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि (नलिकाहीन ग्रन्थियां) है, जो हार्मोन बनाती है जिसकी मदद से मेटाबोलिज्म कंट्रोल में रहता है। थायराइड विकार एक आम समस्‍या है जो पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को प्रभावित करती है। खासतौर से 60 साल की ऊम्र से ज्यादा महिलाओं में थायराइड की दिक्कत अधिक देखने को मिलती है।

थायराइड के दो प्रकार

प्रमुख तौर पर थायराइड दो प्रकार का होता है – हाइपरथायराइड (Hyperthyroidism) और हाइपोथायराइड (Hypothyroidism)। हाइपरथायराइडिज्‍म में अत्‍यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनने लगता है जबकि हाइपोथायराइडिजम में इस हार्मोन का उत्‍पादन कम होता है।

थायराइड ग्रंथि से जुडी अन्‍य गंभीर समस्‍याओं में थायराइड कैंसर का नाम भी शामिल है और ये एंडोक्राइन कैंसर का सबसे सामान्‍य प्रकार है। इन सभी समस्‍याओं के कारण का पता लगाया जा चुका है और टेस्‍ट के ज़रिए इस बीमारी की जांच की जा सकती है। उचित उपचार की मदद से थायराइड ग्रंथि ठीक तरह से काम कर सकती है। दवाओं के अलावा जीवनशैली में कुछ बदलाव कर के भी थायराइड ग्रंथि की सक्रियता पर नज़र रखी जा सकती है। नियमित हैल्‍थ चेकअप, धूम्रपान छोड़कर और योग की मदद से थायराइड की समस्‍या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और मैग्नीशियम युक्‍त संतुलित आहार से भी हाइपरथायराइडिज्‍म के लक्षणों से राहत तथा संपूर्ण सेहत में सुधार लाने में मदद मिल सकती है।

ये लक्षण थायराइड का संकेत

बहुत अधिक वजन बढ़ना या घटना


थायराइड का स्तर आपके ओवरऑल मेटाबॉलिज्म को बहुत ज्यादा इफेक्ट करता है और आपके वजन को भी नियंत्रित रखता है। वजन में बदलाव आना थायराइड डिसऑर्डर के सबसे आम लक्षणों में से एक है। वजन बढ़ना थायराइड हार्मोन के कम होने का संकेत देता है, जिसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है। वहीं अगर थायराइड शरीर में बहुत ज्यादा हार्मोन बनाता है, तो वजन बहुत ज्यादा कम होने लगता है। इसे हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है। हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) से संबंधित वजन कम होना महिलाओं में देखे जाने वाले सबसे आम परिवर्तनों में से एक है।

गर्दन में सूजन

गर्दन में सूजन या इसका बढ़ जाना थायराइड की गड़बड़ी का स्पष्ट संकेत है। इसमें गले में गॉयटर यानी गण्डमाला बन जाता है। ये हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म दोनों स्तिथि में हो सकता है। कभी-कभी गर्दन में सूजन थायराइड कैंसर या गांठ के कारण भी हो सकती है।

हृदय गति में परिवर्तन

थायराइड हार्मोन शरीर के लगभग हर अंग पर असर डालता है। इसकी वजह से दिल की धड़कन में भी बदलाव आने लगता है। हाइपोथायरायडिज्म से ग्रसित लोगों की हृदय गति सामान्य से धीमी हो जाती है जबकि हाइपरथायरायडिज्म की वजह से ये गति तेज हो जाती है। ये ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है।

गर्दन के पास वाली स्किन की सिलवटों का ब्लैक होना

गर्दन के आसपास की त्वचा का काला पड़ना भी थायराइड विकार (thyroid disorder) का एक शुरुआती सामान्य लक्षण है। शोध में पाया गया है कि गर्दन के चारों ओर त्वचा की सिलवटों का काला पड़ना आमतौर पर हार्मोनल फ्लेयर-अप के कारण होता है और जब थायराइड काम कर रहा होता है तो ये ज्यादा कॉमन होता है। यह एक ऐसा संकेत है जिस पर अक्सर महिलाओं और पुरुषों को ध्यान देने की जरूरत है और यदि जरूरी है तो टेस्ट कराएं।

एनर्जी और मूड में बदलाव

थायराइड डिसऑर्डर का एनर्जी लेवल और मूड पर भी असर पड़ता है। हाइपोथायरायडिज्म में लोगों को थकान, सुस्ती और उदासी महसूस होती है। हाइपरथायरायडिज्म की वजह से चिंता, नींद न आने की समस्या, बेचैनी और चिड़चिड़ापन होता है।

बालों का झड़ना

बालों का झड़ना थायराइड हार्मोन के असंतुलित होने का एक और संकेत है। ये समस्या हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों में ही महसूस हो सकती है। ज्यादातर मामलों में, थायराइड डिसआर्डर के इलाज के बाद बाल वापस उग आते हैं।

नींद नहीं आना

सोने में कठिनाई होना या नींद न आना या ज्यादा देर तक सोना भी अंडरलाइंग थायराइड इशू के लक्षण हो सकते है। थायराइड की शिथिलता आपकी नींद को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। अंडरएक्टिव थायराइड भी खराब गुणवत्ता वाली नींद, देरी से या लंबे समय तक सोने की शुरुआत और कम नींद की ड्यूरेशन के साथ जुड़ा हुआ है।

बहुत ठंड या गर्मी महसूस होना

थायराइड डिसऑर्डर शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को बाधित करता है। हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों को सामान्य से अधिक ठंड लगती है। जबकि हाइपरथायरायडिज्म वालों को बहुत अधिक पसीना आता है।

मासिक धर्म की अनियमितता

थायराइड लेवल इंबैलेंस होने पर पीरियड की अनियमितता आती है, क्योंकि थायराइड सीधे आपके प्रजनन तंत्र को नियंत्रित करता है।