45 की उम्र के बाद दिखें ये संकेत तो समझिए बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

शाम की सैर करते वक्त जब एक व्यक्ति अचानक सीढ़ियां चढ़ते हुए हांफने लगा, तो उसने यह सोचकर अनदेखा कर दिया कि शायद यह सिर्फ उम्र का असर है। लेकिन जब यह समस्या रोज-रोज दोहराने लगी और शारीरिक गतिविधियों में तकलीफ बढ़ने लगी, तो उसने डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। तब जाकर उसे पता चला कि उसे हाई कोलेस्ट्रॉल की गंभीर समस्या है, जो चुपचाप शरीर को नुकसान पहुंचा रही थी। ऐसे ही बहुत से लोग 45 की उम्र के बाद अपने शरीर में आ रहे बदलावों को महज बढ़ती उम्र का स्वाभाविक हिस्सा मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि कई बार ये बदलाव गंभीर और खतरनाक बीमारियों के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

पैरों या हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना:

ब्लड फ्लो पर प्रभाव पड़ने की वजह से हाथ-पैरों में अक्सर सुन्नपन या झुनझुनी जैसा अनुभव होता है। यह इस बात का चेतावनी भरा संकेत हो सकता है कि नसों में जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल रक्त संचार में बाधा उत्पन्न कर रहा है, जिससे भविष्य में हृदय या न्यूरोलॉजिकल समस्या का खतरा बढ़ सकता है।

सीने में भारीपन या हल्का दर्द महसूस होना:

हालांकि यह दिल की बीमारी का एक आम लक्षण है, लेकिन कई बार इसका कारण हाई कोलेस्ट्रॉल के चलते रक्त नलिकाओं में ब्लॉकेज भी हो सकता है। इसे हल्के में लेना बेहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह हार्ट अटैक का शुरुआती संकेत भी बन सकता है।

थकान जल्दी लगना और सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस फूलना:

अगर पहले के मुकाबले अब छोटी-छोटी गतिविधियों जैसे कि कुछ मीटर पैदल चलना या सीढ़ियां चढ़ना भी थका देने लगे और सांस फूलने लगे, तो यह इस बात का इशारा हो सकता है कि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही, जो कि ब्लड सप्लाई में रुकावट के कारण हो सकता है।

आंखों के आसपास पीले या सफेद दाग उभरना:

अगर आंखों के कोनों, पलकों के ऊपर या आसपास सफेद या पीले रंग के छोटे पैच नजर आने लगे, तो इसे सामान्य स्किन इरिटेशन समझने की भूल न करें। यह शरीर में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के कारण हो सकता है, जो कई बार त्वचा पर भी संकेत देने लगता है।

पेट या गर्दन में अचानक दर्द या असहजता महसूस होना:

अचानक और बार-बार पेट या गर्दन के क्षेत्र में हल्का दर्द या खिंचाव जैसी असहजता महसूस होना भी संकेत हो सकता है कि नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो चुका है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

नाड़ी की गति में बार-बार बदलाव आना:

अगर कभी नाड़ी बहुत धीमी चलने लगे और कभी अचानक तेज हो जाए, और यह बदलाव बार-बार महसूस हो, तो यह इस ओर इशारा करता है कि दिल को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पा रहा है। इसकी एक प्रमुख वजह हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकती है, जो रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है।

45 की उम्र पार करने के बाद शरीर को और अधिक समझने, ध्यान से सुनने और उसके संकेतों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है। यदि हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य जानलेवा बीमारियों को जन्म दे सकता है। इसलिए अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी आपको बार-बार महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं, और अपनी जीवनशैली, खानपान और शारीरिक सक्रियता में आवश्यक बदलाव लाएं ताकि आप स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।