
शारीरिक संबंध बनाने के बाद पेशाब जाने से प्रेग्नेंसी के चांसेंस कम हो जाते हैं — यह एक ऐसी धारणा है, जो अधिकतर महिलाओं के मन में वर्षों से बनी हुई है। खासतौर पर पहली बार यौन संबंध बनाने वाली या जागरूकता की कमी वाली महिलाओं में इस सोच का गहरा प्रभाव होता है। कई बार यूरिन आने की स्थिति में भी महिलाएं जानबूझकर बेड से नहीं उठतीं, इस उम्मीद में कि इससे गर्भधारण की संभावना बनी रहेगी और स्पर्म शरीर में अधिक समय तक टिके रहेंगे। लेकिन क्या वाकई यह वैज्ञानिक रूप से सही है? या फिर यह सिर्फ एक मिथक है, जो महिलाओं के मन में लंबे समय से जगह बनाए हुए है? आइए जानते हैं मेडिकल एक्सपर्ट्स इस पर क्या कहते हैं और इसका वास्तविक प्रभाव क्या है...
प्रेग्नेंसी पर पड़ता है असर या नहीं?हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो शारीरिक संबंध बनाने के बाद पेशाब करने से प्रेग्नेंसी पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता। विशेषज्ञ स्पष्ट रूप से बताते हैं कि ऐसा करने से गर्भधारण की संभावना घटती नहीं है और न ही इससे किसी भी तरह का गर्भनिरोध संभव होता है। सामान्य तौर पर, एक पुरुष के एक इजैकुलेशन में लगभग 4 से 5 एमएल सीमेन निकलता है, जिसमें लाखों की संख्या में स्पर्म होते हैं। शारीरिक संबंध के तुरंत बाद सीमेन का कुछ हिस्सा प्राकृतिक रूप से वजाइना से बाहर निकल जाता है, जबकि बाकी अंदर रह जाता है और स्पर्म गर्भाशय की ओर सफर शुरू कर देते हैं।
गर्भधारण के लिए सीमेन में मौजूद स्पर्म ही जिम्मेदार होते हैं। ये स्पर्म वजाइना की दीवार से चिपककर धीरे-धीरे गर्भाशय की ओर बढ़ते हैं और अंडाणु से निषेचन करते हैं। पेशाब करने से सीमेन का ऊपरी हिस्सा व मूत्रमार्ग में गया भाग तो बाहर निकल सकता है, लेकिन वजाइना के अंदर चिपके हुए या गर्भाशय की ओर बढ़ रहे स्पर्म पर इसका कोई असर नहीं होता। इसलिए यह मानना कि सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करने से प्रेग्नेंसी रुक जाएगी, पूरी तरह से गलत, भ्रामक और गैर-वैज्ञानिक है।
महिलाओं को हो सकता है ये सेहत से जुड़ा फायदाहालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पुरुषों के लिए सेक्स के बाद पेशाब करने से कोई विशेष लाभ नहीं होता, लेकिन महिलाओं के लिए यह आदत कई मायनों में लाभकारी साबित हो सकती है। दरअसल, शारीरिक संबंध के दौरान कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया यूरेथ्रा और यूरिनरी ट्रैक्ट के जरिए ब्लैडर तक पहुंच सकते हैं, जिससे संक्रमण यानी यूटीआई (Urinary Tract Infection) का खतरा बढ़ जाता है।
सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करने से यूरेथ्रा की सफाई हो जाती है और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। इससे यूटीआई के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर महिला वजाइना क्षेत्र को हल्के गुनगुने पानी से धोती है, तो संक्रमण का खतरा और भी कम हो सकता है। यह आदत विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है, जिन्हें बार-बार यूटीआई की समस्या होती है या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
क्या बीमारियों से बचा सकता है यह उपाय?कई लोग यह भी मानते हैं कि सेक्स के बाद पेशाब करने से एसटीडी (Sexually Transmitted Diseases) से बचा जा सकता है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे पूरी तरह से एक गलत धारणा और मिथक बताते हैं। दरअसल, एसटीडी वायरस या बैक्टीरिया के जरिए शरीर में प्रवेश करती है और यह वजाइना, पेनिस, मुंह या गुदा के संपर्क से फैलती है। पेशाब करने से वायरस शरीर से बाहर नहीं निकलते क्योंकि ये शरीर की गहराई में प्रवेश कर जाते हैं।
इसलिए यह सोच लेना कि पेशाब करने से बीमारियों का खतरा टल जाएगा, भ्रामक और खतरनाक हो सकता है। एसटीडी से बचने का सबसे सुरक्षित उपाय कंडोम का सही और नियमित इस्तेमाल है। इसके अलावा, अपने यौन साथी की मेडिकल हिस्ट्री, साफ-सफाई और टेस्ट रिपोर्ट्स से अवगत रहना भी ज़रूरी है। यदि किसी व्यक्ति को एसटीडी से जुड़े लक्षण दिखें तो समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।