आज के समय में गलत जीवनशैली और अस्वस्थ खानपान के चलते स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ लगातार बढ़ रही हैं। इनमें सबसे आम और चिंताजनक समस्या डायबिटीज है। हर घर में किसी न किसी व्यक्ति को यह समस्या होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 1990 में दुनिया में डायबिटीज से प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 200 मिलियन थी, जो 2022 तक बढ़कर 830 मिलियन तक पहुंच गई। भारत में अनुमानित रूप से 18 वर्ष से अधिक आयु के करीब 77 मिलियन लोग टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित हैं, जबकि लगभग 25 मिलियन लोग प्रीडायबिटीज की स्थिति में हैं, यानी उन्हें भविष्य में यह समस्या होने की संभावना अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 50 प्रतिशत लोग अपने डायबिटीज होने के बारे में अनजान हैं। यदि इसे समय पर न पहचाना जाए और इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। डायबिटीज किडनी फेलियर, हृदय रोग और आंखों की बीमारियों जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी का कारण बन सकती है। इसके अलावा, इससे पीड़ित व्यक्ति के जख्म जल्दी नहीं भरते। इसलिए समय पर पहचान और उचित इलाज बहुत जरूरी है।
डायबिटीज क्या है?डायबिटीज, जिसे मधुमेह भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। यह तब होता है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या उसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाकर ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल होने में मदद करता है।
डायबिटीज के पीछे अक्सर असंतुलित जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान और जेनेटिक फैक्टर जिम्मेदार होते हैं। इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन दवाइयों, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – टाइप 1 और टाइप 2।
वर्ल्ड डायबिटीज डेवर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाना, इसके खतरों के बारे में जानकारी देना और रोकथाम के उपाय बताना है। इस अवसर पर स्कूल, कॉलेज, सोसायटी और अन्य जगहों पर वर्कशॉप, सेमिनार और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं।
इतिहासवर्ल्ड डायबिटीज डे की शुरुआत 1991 में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मिलकर की थी। इसे 14 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्म हुआ था, जिन्होंने 1922 में इंसुलिन की खोज की थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता फैलाना था।
बाद में इसे हर साल एक थीम के साथ मनाने की परंपरा शुरू हुई। 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से वर्ल्ड डायबिटीज डे घोषित किया।
इस साल की थीमइस वर्ष वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम है “डायबिटीज एक्रॉस लाइफ स्टेज”। इसका संदेश है कि हर व्यक्ति, जिसे डायबिटीज है, उसे सही इलाज, सहयोग और ऐसी योजना मिलनी चाहिए जो उनकी सेहत, सम्मान और खुद की देखभाल में मदद करे।
डायबिटीज पूरी तरह ठीक नहीं की जा सकती, लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके साथ ही, इस बीमारी से बचाव के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है।
टाइप 2 डायबिटीज से बचाव के उपाय:- मीठे और जंक फूड का सेवन कम करें
- तेलीय और फास्ट फूड से परहेज करें
- संतुलित और हेल्दी आहार अपनाएं
- रोजाना व्यायाम करें
- वजन को नियंत्रित रखें
- समय-समय पर ब्लड शुगर जांच करवाएं
यदि किसी परिवार में पहले से डायबिटीज का केस है, तो इन बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।