सर्दियों में क्यों नहीं लगती ज्यादा प्यास? क्या ठंड के मौसम में शरीर को कम पानी की जरूरत होती है?

जैसे ही सर्दियों का मौसम शुरू होता है, वैसे ही ज्यादातर लोगों को प्यास लगने की भावना अपने आप कम होने लगती है। ठंड के दिनों में पानी पीने की आदत अक्सर कमजोर पड़ जाती है, जिसका सीधा असर शरीर की नमी और सेहत पर पड़ता है। कई लोग यह मान लेते हैं कि ठंड में शरीर को कम पानी की आवश्यकता होती है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। लंबे समय तक पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति बन सकती है, जो आगे चलकर कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है।

असल में ठंड के मौसम में प्यास कम लगना हमारी इच्छा का नहीं, बल्कि शरीर के भीतर होने वाले जैविक बदलावों का नतीजा होता है। ठंड के कारण दिमाग को ऐसा संकेत मिलने लगता है कि शरीर में पानी की कमी नहीं है। इसी भ्रम के चलते लोग अनजाने में पानी पीना कम कर देते हैं, जबकि शरीर को उतनी ही मात्रा में तरल पदार्थ की जरूरत बनी रहती है।

आखिर ठंड में प्यास कम क्यों लगती है?

नसों का सिकुड़ना:


सर्दी के मौसम में शरीर अपनी गर्मी बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर लेता है। इस प्रक्रिया के कारण दिमाग के प्यास नियंत्रित करने वाले हिस्से को यह संकेत मिलता है कि शरीर में पानी की कमी नहीं है। कई शोध बताते हैं कि ठंड के मौसम में प्यास की अनुभूति लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

ठंडी हवा का असर:

जब हम ठंडी हवा में सांस लेते हैं, तो शरीर से गर्म और नम हवा बाहर निकलती है। इस प्रक्रिया में शरीर के भीतर मौजूद पानी की मात्रा धीरे-धीरे कम होती जाती है, लेकिन प्यास का अहसास नहीं हो पाता।

पसीने का जल्दी सूख जाना:

सर्दियों में मोटे कपड़े, जैकेट और स्वेटर पहनने के कारण शरीर से निकलने वाला पसीना तुरंत सूख जाता है। पसीना दिखाई नहीं देने की वजह से हमें यह अंदाजा ही नहीं लगता कि शरीर से पानी लगातार बाहर निकल रहा है।

हीटर और रूम हीटिंग:

ठंड से बचने के लिए घरों और दफ्तरों में हीटर का इस्तेमाल आम हो गया है। हीटर हवा की नमी को सोख लेते हैं, जिससे शरीर में ड्राइनेस बढ़ती है और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। गले में सूखापन और मुंह का बार-बार सूखना इसी का संकेत हो सकता है।

चाय-कॉफी का ज्यादा सेवन:

सर्दियों में लोग खुद को गर्म रखने के लिए चाय और कॉफी का अधिक सेवन करने लगते हैं। ये पेय पदार्थ थोड़ी देर के लिए ठंड से राहत तो देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे शरीर से पानी की मात्रा कम कर देते हैं।

शरीर में पानी की कमी के गंभीर संकेत

अगर शरीर में लगातार रूखापन या खुजली महसूस हो, सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होने लगे, पेशाब का रंग गहरा पीला दिखाई दे, होंठ फटने लगें, हर समय थकान बनी रहे या मीठा खाने की तीव्र इच्छा होने लगे, तो यह साफ संकेत है कि शरीर में पानी की कमी हो चुकी है। ऐसे लक्षण नजर आते ही पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा देना चाहिए, ताकि शरीर को फिर से संतुलन में लाया जा सके।