चीन से फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से मरने वालों की संख्या 636 हो गई है। इसके अलावा 30000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं जिसमें ज्यादातर लोग वुहान से हैं। भारत में भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 3 केस कंफर्म हो चुके हैं, हालांकि अब तक किसी की मौत का मामला सामने नहीं आया है। वहीं इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर है। चीन से लौटे सभी 645 भारतीय कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन सभी 645 भारतीयों में कोरोना वायरस का कोई विषाणु नहीं पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'चीन से लौटे इन सभी 645 भारतीयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट से पता लगा है कि ये सभी छात्र व अन्य व्यक्ति कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित हैं।' विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने कोरोना वायरस को पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही WHO ने एक पब्लिक अडवाइजरी जारी की है। इस अडवाइजरी यानी परामर्श में लोगों को यह बताने की कोशिश की गई है कि किस तरह कुछ बेसिक प्रिकॉशन्स लेकर इस वायरस से न सिर्फ खुद बचा जा सकता है बल्कि इसे फैलने से भी रोका जा सकता है। साथ ही कोरोना को लेकर जरूरी जानकारी भी दी जा रही है ताकि लोगों के मन में इस बीमारी को लेकर किसी तरह का भ्रम ना रहे।
बार-बार अच्छी तरह से अपने हाथों को साफ करेंअपने हाथों को साबुन और पानी या फिर ऐल्कॉहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से और दिनभर में कई बार हाथों अच्छे से साफ करें। ऐसा इसलिए कहा गया है है क्योंकि हाथों को अच्छी तरह से साफ करना और हैंड हाइजीन का ख्याल रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर आपके हाथों में किसी भी तरह का वायरस होगा तो वह साबुन-पानी या सैनिटाइजर से हाथ साफ करने से मर जाएगा।
छींकते या खांसते वक्त मुंह को ढंक कर रखेंअगर खांसी या छींक आ रही हो तो अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से टीशू से ढंक कर रखें और फिर उस टीशू को तुरंत डस्टबिन में फेंक दें और फिर अपने हाथों को अच्छी तरह से हैंडवॉश कर लें। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि खांसते या छींकते वक्त मुंह और नाक को ढक कर रखना इसलिए जरूरी है ताकि जर्म्स और वायरस को फैलने से रोका जा सके। अगर आप अपने हाथ पर खांसी करेंगे या छीकेंगे तो आप उन चीजों या लोगों को भी संक्रमित कर देंगे जिनके संपर्क में आप आएंगे।
पब्लिक प्लेस से दूरी बनाकर रखेंपब्लिक प्लेस पर दूसरे लोगों से कम से कम 1 मीटर यानी करीब 3 फीट की दूरी पर रहें खासकर उन लोगों से जिन्हें बुखार हो या फिर खांसी और छींक आ रही हो। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि दूरी बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति सांस से संबंधी किसी बीमारी या कोरोना वायरस से पीड़ित होगा और वह खांसेगा या छींकेगा तो हवा में वो वायरस फैल जाएगा और अगर आप उस व्यक्ति के बेहद करीब खड़े होंगे तो सांस के जरिए वो वायरस आपके अंदर भी आ जाएगा।
खांसी या सांस लेने में कोई भी परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करेंअगर आपने चीन या आसपास के इलाकों में ट्रैवल किया है जहां कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा फैला हुआ है या फिर अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आ चुके हैं जिसने चीन की यात्रा की है और उसे सांस से जुड़ी बीमारी है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि अगर आपको फीवर, खांसी जुकाम और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फीवर के साथ ही सांस से जुड़ी बीमारियां कई दूसरे वजहों से भी हो सकती हैं लेकिन अगर चीन में यात्रा के बाद ये दिक्कतें हो रही हैं तो ये करॉना हो सकता है।
कच्चा मांस या ऐनिमल प्रॉडक्ट्स का सेवन ना करेजानवरों का कच्चा मांस, दूध या जानवरों के ऑर्गन्स को हैंडल करते वक्त पूरी सावधानी और सतर्कता बरतें। साथ ही साथ किसी भी तरह के कच्चे मांस, अधपका मांस या ऐनिमल प्रॉडक्ट्स का सेवन भूल से भी ना करें।
जानवरों को छूने के बाद हाइजीन का ध्यान रखेंअगर आपके घर में कोई पालतू जानवर है तो उन्हें छूने के बाद या जानवरों से जुड़ी चीजें छूने के बाद अपने हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह से साफ करें। जानवरों को छूने के बाद हैंडवॉश किए बिना अपने आंख, नाक या मिुंह को गलती से भी ना छूएं। किसी भी तरह के बीमार जानवर के संपर्क में न आएं।
आपको बता दे, चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की सबसे पहले जानकारी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की गुरुवार ओ मौत हो गई। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर ली वेनलियान्ग की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने से हुई है। कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने 12 जनवरी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। वो एक मरीज के संपर्क में आने के बाद कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। 34 वर्षीय वेनलियांग ने पिछले साल 30 दिसंबर को अन्य डॉक्टरों को महामारी के बारे में चेतावनी दी थी। वेनलियांग ने अपने मेडिकल कॉलेज के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के अलग वार्ड में रखा गया है। उन्होंने बताया था कि टेस्ट में साफ हुआ है कि यह वायरस कोरोना समूह का है।
बता दे, चीन ने पिछले हफ्ते 1,500 बिस्तरों वाला एक नया अस्थायी अस्पताल खोला जो विशेष रूप से वायरस संक्रमित रोगियों के लिए बनाया गया है। इसके पहले वुहान में 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल की शुरुआत की गई थी।