जीभ का रंग बनता हैं आपके स्वास्थ्य का दर्पण, जानें कैसे दर्शाता है बीमारी

हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जीभ जो कि भोजन के विभिन्न स्वाद की पहचान करने में मदद करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही जीभ आपकी एहत का दर्पण भी होती हैं और आपके शरीर में होने वाली बिमारियों को दर्शाती हैं। जी हाँ, जीभ हल्की गुलाबी होती है और इसके रंग में आया बदलाव विभिन्न गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करता है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में कि किस तरह जीभ की मदद से लगे इसका पता।

गहरा लाल

अगर आपकी जीभ का रंग स्ट्रॉबेरी के कलर जितना बहुत लाल है तो यह एक चिंता का विषय होता है। इसमें जीभ में बैक्टीरिया पनपने लगते है। ऐसे में व्यक्ति को स्वाद न आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर यह समस्या ज्यादा दिनों तक रहे तो स्कारलेट फीवर होने का खतरा बढ़ता है।

सफेद धब्बे

जो लोग भारी मात्रा में तंबाकू, पान, शराब आदि का सेवन करते है उनके जीभ हल्के पिंक कलर से हट कर सफेद होने लगती है। इसके कारण ल्यूकोप्लाकिया बीमारी होने की ओर इशारा करता है। इस बीमारी में कुछ भी ठंडा, गर्म या मसालेदार चीजों को खाने से मुंह में तेज झनझनाहट महसूस होती है।

काला रंग

अगर जीभ बहुत अधिक काली पड़ जाए तो इससे ब्लड कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।

गहरा पीला

जीभ का रंग डार्क येलो में बदल जाएं तो जिगर और पित्त में परेशानी होने की ओर इशारा करता है।

नीला रंग

बारीश में ज्यादा देर तक नहाने से जीभ का रंग नीला होना आम बात है। मगर अचानक जीभ का रंग बदल कर सामान्य से नीला हो जाएं तो फेफड़ों के खराब होने की ओर संकेत करता है। इसके कारण फेफड़े ठीक से काम न करने के कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों लगने का खतरा रहता है।

गहरा सफेद रंग

अगर जीभ सफेद रंग की नजर आए तो पेट में गड़बड़ी होने की अशंका होती है। अगर जीभ का रंग ऐसा ही रहा तो इससे पेट से संबंधी रोगों के होने का खतरा बढ़ता है।