शरीर में दिखने लगे ये लक्षण तो हो जाएं सतर्क, फेफड़ों पर सीधा अटैक कर रहा कोरोना

कोरोना का कहर पूरी दुनिया को दर्द दे रहा हैं। देश में अभी भी कोरोना समाप्त नहीं हुआ हैं और इसकी वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा हैं। हांलाकि कोरोना के आंकड़े अब कम आने लगे हैं। लेकिन इससे मरने वालों की संख्या अभी भी आना बरकरार हैं। कोरोना अपना प्रभाव फेफड़ों पर दिखाता हैं और उन्हें कमजोर कर रहा हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते इसके लक्षणों को जाना जाए ताकि फेफड़ों को बर्बाद होने से रोका जा सकें। आज हम आपको उन्हीं लक्षणों की जानकारी देने जा रहे हैं जो दिखाते हैं कि कोरोना फेफड़ों पर सीधा अटैक कर रहा हैं।

लगातार खांसी आना

SARS-COV-2 नामक कोरोना वायरस सबसे पहले व्यक्ति के फेफड़ों और सांस की नली पर आक्रमण करता है। विशेषज्ञों की मानें तो यह मनुष्य के फेफड़ों में पहुंच कर नए वायरस को जनरेट करता है। शरुआती दिनों में व्यक्ति को ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन कुछ समय बाद फेफड़ों पर जमा वायरस अंदर की हवा को बाहर जाने और सांस लेने में परेशानी पैदा करना शुरू कर देते हैं। इसके साथ ही शुरुआती लक्षण में व्यक्ति को सूखी खांसी आना भी कोविड का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है। इन सब के अलावा अगर आपको लगातार खांसी आ रही है और खांसने में जोर लगाना पड़ता है तो कोरोना का टेस्ट बहुत जरूरी हो जाता है।

​सांस लेने में तकलीफ होना

सूखी खांसी के बाद कोरोना वायरस के लक्षणों का एक सबसे बड़ा संकेत सांस लेने में तकलीफ होना भी है। हमारे शरीर में बिना किसी रुकावट के हवा पहुंचाने का काम श्वसन तंत्र करता है। कोरोनावायरस फेफड़ों में पहुंचकर हवा अंदर आने जाने के मार्ग में रुकावट उत्पन्न कर देता है, जिससे सांस लेने में काफी मुश्किल पैदा होने लगती है। वायरस के कारण फेफड़े से लेकर गले के पास मौजूद सांस लेने वाली कोशिकाओं में सूजन आ जाती है।

सांस लेने में परेशानी होने पर व्यक्ति को जल्द ही ऑक्सीजन लेने की आवश्यकत होती है क्योंकि प्राकृतिक रूप से उसके फेफड़ों पर हवा पहुंचनी बंद हो जाती है। इसलिए अगर आप भी किसी ऐसी समस्या अपने आप में महसूस कर रहे हैं तो कोरोना वायरस का टेस्ट बेहद जरूरी हो जाता है।

​दूसरे संक्रमण का खतरा

कोविड का संक्रमण फैलने से फेफड़ों में दूसरे वायरस का भी खतरा बढ़ जाता है। कोरोना संक्रमित लोगों में सेप्सिस जैसे रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसा तब होने की संभावना अधिक होती है जब मनुष्य के खून की शिराओं में वायरस का संक्रमण फैलता है।

सेप्सिस एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो हमारे शरीर के एक अंग से दूसरे अंग के संबंध को खत्म कर देती है। इससे ग्रसित व्यक्ति के किसी भी काम को ठीक प्रकार से अंजाम नहीं दे सकता। अगर आप भी दैनिक जीवन के कामों को ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहे या फिर किसी एक काम को करने में बार बार गलती करते हैं तो फिर विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है।

सीने में दर्द और जकड़न की समस्या

सांस लेने में समस्या के साथ ही कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सीने में दर्द और जकड़न भी होने लगती है और ऐसे में लोगों को सांस लेने या फिर खांसने में काफी जोर लगाना पड़ता है। फेफड़ों का वेंटिलेशन ठीक न होने पर घबराहट की भी समस्या होती है और ऐसे में लोगों को लंबी-लंबी सांस खीचनी पड़ती है। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने पर फेफड़ों पर सफेद रंग के स्पॉट भी पड़ने लगते हैं जो कि एक गंभीर संकेत है।

​शरीर के दूसरे अंगो को बाधित करना

कोरोना वायरस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है ऐसे में इससे ग्रसित व्यक्ति के कई अंग बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। जब हमारे शरीर में कोविड 19 का संक्रमण फैलता है तो शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली उसे खत्म करने में जोर देती है और दूसरे संक्रमण का खतरा शरीर के दूसरे अंगों पर बढ़ जाता है।

अगर हल्की जुकाम, खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में तकलीफ के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं तो कुछ दिनों में सुपर इंफेक्शन हो सकता है और इससे मृत्यु तक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर किसी को भी इनमें से किसी भी तरह का कोई लक्षण दिखता है तो उसे डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए।