पूर्व PM मनमोहन सिंह इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे, सर्दियों में बढ़ जाती है मुश्किल, बचाव के उपाय

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें गुरुवार शाम को बेहोश होने के बाद दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। जहां रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी मौत के कारणों में उनकी उम्र से संबंधित मेडिकल कंडीशन्स और चेतना की हानि शामिल थीं। इसके अलावा, वह रेस्पिरेटरी डिजीज, यानी श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों से भी पीड़ित थे, जिसने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया।

रेस्पिरेटरी डिजीज और इसके प्रभाव

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के साथ एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या को भी उजागर किया गया है, जो आजकल अधिकतर लोगों को प्रभावित कर रही है—रेस्पिरेटरी डिजीज। इस बीमारी में व्यक्ति को सांस लेने में गंभीर दिक्कत होती है, और फेफड़ों की कार्यक्षमता भी धीरे-धीरे घटने लगती है। रेस्पिरेटरी डिजीज के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वायु प्रदूषण, इंफेक्शन और सबसे महत्वपूर्ण, स्मोकिंग शामिल हैं। खराब जीवनशैली और वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण यह समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

सांस संबंधी बीमारियां: चिंता का विषय

वर्तमान समय में रेस्पिरेटरी डिजीज से जुड़े मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और अस्थमा जैसी बीमारियां दुनिया भर में जान का खतरा बढ़ा रही हैं। इन बीमारियों का शिकार केवल वृद्ध लोग ही नहीं, बल्कि युवा भी हो रहे हैं। अस्वस्थ खानपान, शरीर के लिए जरूरी व्यायाम की कमी, और बढ़ते प्रदूषण के कारण, श्वसन संबंधी बीमारियां अब आम हो चुकी हैं। यही कारण है कि यह समय है जब हमें अपने जीवनशैली में सुधार करने और इन बीमारियों से बचने के उपायों को गंभीरता से अपनाने की आवश्यकता है।

रेस्पिरेटरी डिजीज से बचाव के उपाय

स्मोकिंग से बचें

स्मोकिंग, फेफड़ों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक आदत है। यह श्वसन तंत्र को डैमेज करता है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ने का प्रयास करें। यह न केवल आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आपके आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक होता है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए। स्मोकिंग से होने वाली बीमारियों में कैंसर, दिल की बीमारियां और श्वसन समस्याएं शामिल हैं। स्मोकिंग छोड़ने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और जीवन का स्तर बेहतर होता है।

वायु प्रदूषण से बचाव

वायु प्रदूषण, रेस्पिरेटरी डिजीज का एक बड़ा कारण है, खासकर बड़े शहरों में जहां प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ चुका है। यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और सांस की बीमारियों को बढ़ाता है। ऐसे में, बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करें, जो प्रदूषित हवा को आपके श्वसन तंत्र तक पहुंचने से रोकता है।

घर में एयर प्यूरीफायर और पौधे लगाएं

घर के अंदर भी वायु गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है। एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जो हवा को साफ करता है और बाहरी प्रदूषण को अंदर आने से रोकता है। इसके अलावा, हरे-भरे पौधे घर में लगाएं, क्योंकि ये हवा को शुद्ध करने और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं। कई पौधे जैसे शांति लिली और एलोवेरा हवा से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालते हैं। इन दोनों उपायों से घर में ताजगी बनी रहती है और श्वसन तंत्र को नुकसान नहीं होता।

विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें

विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है। खासकर, citrus fruits जैसे कि संतरा, नींबू, और कीवी का सेवन करें, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ग्रीन टी, बेरीज़ और गाजर जैसी चीजें भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती हैं। विटामिन C शरीर के इम्यून सिस्टम को भी बढ़ावा देता है, जिससे श्वसन समस्याओं से बचाव होता है। इस तरह के आहार से आपकी श्वसन से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

व्यायाम करें

शारीरिक गतिविधियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। योग, प्राणायाम और गहरी सांस लेने की तकनीकों से भी श्वसन तंत्र को लाभ मिलता है। व्यायाम से रक्त संचार बेहतर होता है, जो फेफड़ों तक अधिक ऑक्सीजन पहुंचाता है। यह श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने और सांस संबंधी समस्याओं से बचाव करने में मदद करता है।

पर्याप्त पानी

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप पानी की कमी नहीं होने दे। पानी न केवल शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, बल्कि यह श्वसन तंत्र के लिए भी फायदेमंद होता है। शुद्ध और पर्याप्त पानी पीने से फेफड़ों की सफाई होती है और शरीर के भीतर से गंदगी बाहर निकलती है। एक अच्छा आहार और हाइड्रेटेड रहना श्वसन तंत्र को मजबूत रखने के लिए जरूरी है।

नोट : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।