आज के समय में लोग फिटनेस और सेहत को लेकर पहले से कहीं ज्यादा जागरूक हो गए हैं। खानपान को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और पारंपरिक चीजों को भी नए रूप में अपनाया जा रहा है। इसी कड़ी में लहसुन का एक खास रूप इन दिनों चर्चा में है—काला लहसुन। आमतौर पर हर रसोई में मिलने वाला सफेद लहसुन तो सब जानते हैं, लेकिन काला लहसुन क्या है और यह शरीर के लिए कैसे फायदेमंद है, यह जानना भी जरूरी है। कहा जाता है कि काला लहसुन मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है और पाचन पर भी हल्का असर डालता है।
काला लहसुन साधारण सफेद लहसुन से पूरी तरह अलग होता है। इसे तैयार करने के लिए कच्चे लहसुन को नियंत्रित तापमान और नमी में लंबे समय तक रखा जाता है। इस प्रक्रिया को फर्मेंटेशन कहा जाता है। इसी दौरान लहसुन के अंदर रासायनिक बदलाव होते हैं, जिससे इसकी कलियां काले रंग की, नरम और थोड़ी चिपचिपी हो जाती हैं। स्वाद की बात करें तो काला लहसुन तीखा नहीं होता, बल्कि हल्की मिठास लिए होता है।
काला लहसुन और सफेद लहसुन में अंतरडॉक्टरों और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, घरों में इस्तेमाल होने वाले सफेद लहसुन की तेज गंध और इसके रोगाणुरोधी गुण उसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व की वजह से होते हैं। हालांकि, यही एलिसिन कुछ लोगों के लिए पेट में जलन, गैस या असहजता का कारण भी बन सकता है।
वहीं काले लहसुन में फर्मेंटेशन के दौरान एलिसिन का रूप बदल जाता है और यह ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स में परिवर्तित हो जाता है, जो शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकते हैं। इसमें एस-एलिल सिस्टीन (S-Allyl Cysteine – SAC) नामक तत्व प्रमुख रूप से पाया जाता है, जो काले लहसुन को खास बनाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि काले लहसुन में मौजूद SAC शरीर में सफेद लहसुन की तुलना में अधिक आसानी से घुल-मिल जाता है। यही कारण है कि एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते कई लोग इसे अपने आहार का हिस्सा बना रहे हैं। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र पर भी हल्का होता है और सफेद लहसुन की तुलना में पेट में कम परेशानी पैदा करता है। इसी वजह से कुछ लोग इसे रोजमर्रा की डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं। आजकल काला लहसुन बाजार में आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, काला लहसुन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक माना जाता है। इसके साथ ही यह हृदय और लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। कुछ शोधों में यह भी संकेत मिले हैं कि काला लहसुन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में सहायक हो सकता है, हालांकि इस पर अभी और अध्ययन की जरूरत है।
किन लोगों को नहीं करना चाहिए सेवन?हालांकि काला लहसुन फायदेमंद माना जाता है, लेकिन यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। जिन लोगों का खून बहुत पतला होता है या जो ब्लड थिनर दवाइयां लेते हैं, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा जिनका पेट जल्दी खराब हो जाता है या जिन्हें पाचन संबंधी समस्याएं रहती हैं, उन्हें भी काले लहसुन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
ध्यान रखें, किसी भी चीज को सिर्फ इसलिए अपनी डाइट में शामिल न करें क्योंकि वह ट्रेंड में है। बेहतर यही है कि किसी भी नए खाद्य पदार्थ को नियमित रूप से लेने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें, ताकि सेहत को फायदा मिले, नुकसान नहीं।