16 जनवरी से भारत में कोरोना रोधी वैक्सीनेशन शुरू हुआ और अब तक 26 करोड़ के करीब लोगों का टीकाकरण हो चुका है। इस बीच वैक्सीनेशन के चलते पहली मौत की पुष्टि हुई है। सरकार की ओर से गठित पैनल ने 68 साल से बुजुर्ग की मौत को कोरोना वैक्सीन की वजह से माना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन की डोज लगने के बाद बुजुर्ग में एनाफिलैक्सिस जैसे साइडइफेक्ट देखे गए। सरकारी पैनल ने कोरोना रोधी टीकाकरण के बाद सामने आए 31 गंभीर मामलों की जांच की। इसमें से सिर्फ 1 मौत में टीकाकरण को वजह माना गया।
बता दे, एनाफिलैक्सिस एक घातक एलर्जी होती है, जिसका तुरंत इलाज किया जाना बेहद जरूरी होता है। यह बहुत तेजी से फैलती है। एनाफिलैक्सिस में पूरा शरीर बुरी तरह प्रभावित होता है।
एनाफिलैक्सिस के लक्षण- स्किन पर रैशेज हो जाते हैं, खुजली होने लगती है और सूजन भी आ जाती है
- खांसी के अलावा सांस लेने में भी दिक्कत होती है
- पेट में अजीब-सी ऐंठन और उल्टी आने लगती है
- चक्कर और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है
- सांस लेने में घरघराहट की आवाज आती है।
- डायरिया हो जाता है और जीभ पर भी सूजन आ जाती है
- शरीर पीला पड़ जाता है और पल्स रेट भी घट जाती है
- खाने-पीने में परेशानी होने लगती है और गला भी टाइट-सा हो जाता है
एनाफिलैक्सिस का इलाजएनाफिलैक्सिस अक्सर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के संपर्क में आने के बाद तुरंत ही अपना रूप दिखा देता है। हालांकि, कभी-कभी इसे सामने आने में कुछ घंटे भी लग जाते हैं। इसके ट्रीटमेंट में एपीनफिरीन का शॉट एकदम कारगर है और इसे तुरंत ही मरीज को दिया जाना चाहिए। यह एक अड्रेनलिन ऑटो-इंजेक्टर होता है, जो ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है। इससे स्मूद मसल्स को रिलैक्स करने में भी मदद मिलती है और सांस लेने में हो रही कठिनाई भी दूर हो जाती है।