गर्मियों में लू से बचने का रामबाण इलाज, जानिए कैसे कच्चा प्याज बनाता है शरीर को गर्मी से लड़ने में सक्षम

गर्मियों के तीखे और झुलसाने वाले मौसम में सबसे ज्यादा खतरा लू लगने का होता है। दोपहर के समय तेज धूप में बाहर निकलने पर शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर, डिहाईड्रेशन और कई गंभीर मामलों में तो मौत तक का खतरा मंडराने लगता है। भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में हर साल हजारों लोग लू की चपेट में आते हैं, खासकर वे लोग जो धूप में काम करते हैं या जिन्हें पर्याप्त देखभाल नहीं मिलती। ऐसे में कच्चे प्याज को लू से बचाने का पारंपरिक और रामबाण इलाज माना जाता है, जिसे दादी-नानी के घरेलू नुस्खों में भी विशेष स्थान प्राप्त है। आइए जानते हैं कि कच्चा प्याज लू से कैसे बचाता है, इसके पीछे का वैज्ञानिक आधार क्या है और इसे कब और कितनी बार खाना सही होता है?

क्यों खतरनाक होती है लू?

लू को मेडिकल टर्म में हीट स्ट्रोक कहा जाता है, जो शरीर के तापमान में अत्यधिक वृद्धि के कारण उत्पन्न होता है। लू लगने पर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और शरीर का तापमान नियंत्रित करने वाला सिस्टम असफल हो जाता है। 2025 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, लू के कारण दिमाग, दिल, गुर्दे और मांसपेशियों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। लक्षणों में बुखार, थकान, चक्कर, पसीना बंद होना और यहां तक कि बेहोशी भी शामिल हैं। गर्मियों में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, छोटे बच्चों, और बुजुर्गों को इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

लू से कैसे बचाता है कच्चा प्याज?

शरीर को देता है ठंडक:

कच्चे प्याज में कई ऐसे पोषक तत्व और यौगिक होते हैं, जो शरीर को भीतर से ठंडक देने का कार्य करते हैं। दरअसल, कच्चे प्याज की तासीर ठंडी मानी जाती है, जो शरीर के इंटरनल तापमान को कंट्रोल करने में सहायक होती है। इसमें मौजूद सल्फर यौगिक और क्वेरसेटिन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में बढ़ी गर्मी को कम करते हैं। यह गर्मी के कारण उत्पन्न थकान, सिरदर्द और बेचैनी को कम करने में भी असरदार होते हैं। इसलिए, गर्मियों में प्याज को कूलिंग एजेंट के रूप में इस्तेमाल करना एक कारगर उपाय है।

हाइड्रेशन बनाए रखता है:

गर्मियों में डिहाईड्रेशन एक आम समस्या है, जो लू के प्रमुख कारणों में से एक है। प्याज में लगभग 89 प्रतिशत पानी पाया जाता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में फ्लूड का संतुलन बनाए रखते हैं और मांसपेशियों की ऐंठन व कमजोरी से बचाते हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाता है:

कच्चे प्याज में भरपूर मात्रा में विटामिन C, विटामिन B6 और फोलेट मौजूद होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। ICMR की 2025 की रिसर्च के अनुसार, विटामिन C शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे लू के कारण होने वाले संक्रमण से शरीर को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। यह गर्मी के दिनों में वायरस व बैक्टीरिया से लड़ने के लिए भी उपयोगी है।

पाचन तंत्र को बनाता है बेहतर:

गर्मी के दिनों में पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, गैस, बदहजमी और अपच आम हो जाती हैं, जो शरीर को अंदर से कमजोर कर सकती हैं। कच्चे प्याज में मौजूद फाइबर और प्रीबायोटिक्स आंतों की सेहत सुधारते हैं और पाचन को सक्रिय बनाए रखते हैं। इसके साथ ही यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी सहायक होता है।

कब और कितनी बार खाना चाहिए कच्चा प्याज?

गर्मियों में कच्चा प्याज खाने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, जब शरीर का पाचन तंत्र सबसे एक्टिव होता है। यह दिनभर के लिए शरीर को ऊर्जावान और लू से लड़ने के लिए तैयार करता है। हालांकि, मुंह की बदबू से बचने के लिए प्याज खाने के बाद पुदीने की कुछ पत्तियां या सौंफ चबाना फायदेमंद होता है।

सलाद के रूप में कच्चा प्याज दोपहर के खाने में शामिल करना अत्यंत लाभकारी है। इसमें नींबू का रस, सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से इसके पोषक तत्वों का अवशोषण शरीर में और अधिक बेहतर होता है। यह समय गर्मी की चरम स्थिति से सुरक्षा प्रदान करता है।

रात के समय कच्चा प्याज खाने से कुछ लोगों को गैस, अपच या नींद में बाधा जैसी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसे रात में खाने से परहेज करें। यदि दिन में दो बार — सुबह और दोपहर — इसे खाया जाए, तो यह लू से बचाने के लिए एक प्राकृतिक कवच का काम करता है।