कोरोना के इस कहर का आज पूरी दुनिया सामना कर रही हैं और इसके संक्रमण को रोकने ले ली सभी को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने और मुंह पर मास्क लगाने की सलाह दी जा रही हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर लंबे समय तक फेस मास्क पहनने से नुक्सान की खबर भी आ रही हैं जिसे जोरों-शोरों से शेयर किया जा रहा हैं। लेकिन यह बात अफवाह है या सच, क्या आप जानते हैं? तो आइये हम बताते हैं आपको इसके बारे में।
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि लंबे वक्त तक मास्क पहनना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह दावा पहली बार स्पैनिश भाषा में ऑनलाइन सामने आया था। इसे दक्षिण और मध्य अमरीका में भी बड़े पैमाने पर साझा किया गया था। बाद में इसका अनुवाद अंग्रेजी भाषी प्लेटफॉर्म्स पर भी आ गया। इनमें एक नाइजीरियाई न्यूज साइट भी शामिल थी जहाँ से यह 55,000 से ज्यादा बार फेसबुक पर साझा किया गया। आर्टिकल में दावा किया गया था कि ज्यादा लंबे वक्त तक मास्क पहनकर सांस लेने से कार्बन डाईऑक्साइड सांस के जरिए अंदर जाती है। इससे चक्कर आते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसी सिफारिश की जाती है कि हर 10 मिनट में मास्क हटाना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डॉ। रिचर्ड मिहिगो ने बीबीसी को बताया कि ये दावे सही नहीं हैं और वास्तव में इन पर चलना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा, नॉन-मेडिकल और मेडिकल मास्क बुने गए धागों से बने होते हैं। इनमें सांस लेने की उच्च क्षमता होती है। इन मास्क से आप सामान्य तरीके से सांस ले सकते हैं और ये कणों को इनसे गुजरकर अंदर जाने से रोकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि मास्क हटाकर सांस लेने से नुकसानदेह असर से बचने की सलाह मानने से वास्तव में संक्रमण का जोखिम हो सकता है। ऐसी कुछ स्थितियां हैं जिनमें फेस मास्क पहनने की शायद सलाह न दी जाए। ये हैः
- दो साल से कम उम्र के बच्चे जिनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए हैं
- रेस्पिरेटरी बीमारियों वाले लोग जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।