वर्तमान समय में मोबाइल और लैपटॉप ऐसी चीजें हो गई हैं जो आपको सभी के पास मिल जाएगी और इनको दिनभर इस्तेमाल करने वाले लोग भी। खासकर बच्चों को ये चीजें बहुत आकर्षित करती हैं और इनकी लत आपके बच्चों को कई तरह से बीमार बना रही हैं। जी हाँ, जितना ज्यादा हम स्क्रीन पर देखते हैं उतनी ही हमारी पलकें कम झपकती हैं जिससे आँखों पर दबाव बढ़ जाता है और उनमें तेज जलन और खुजली होने लगती है। इसी तरह कई तरह की बीमारियाँ हैं जिन्होनें आपके बच्चों को घेर लिया हैं और वह सब इन मोबाइल और लैपटॉप की वजह से। तो आइये जानते हैं मोबाइल और लैपटॉप किस तरह कर रहें हैं आपके बच्चों को बीमार।
* फोकस एलसीडी और एलइडी डिस्प्ले वाली चीजों से जो रोशनी निकलती है वो खासतौर पर बच्चों की आँखों के लिए बहुत नुकसानदायक है। लाइट से सम्बंधित इस टेक्नोलॉजी में ब्लू डायोड लाइट का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण आंखों की फोकस करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। आँखों की मांसपेशियां बहुत ज्यादा मूवमेंट के कारण जल्दी थक जाती हैं और धीरे धीरे अगर स्थिति बहुत बिगड़ जाये तो बाद में आपकी आंखें किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पायेंगी।
* सिर में दर्द आजकल के बच्चे सिर में दर्द से बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं। व्यस्त जीवनशैली, दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठना और मोबाइल का इस्तेमाल करने के कारण ही यह समस्या ज्यादा होती है। कई बार आप मोबाइल को अपने आँखों के इतना करीब रखते हैं उस वजह से भी यह समस्या होने लगती है। इसलिए मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों से एक ख़ास दूरी पर ही रखें।
* कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम इस सिंड्रोम के शिकार वे लोग होते हैं जो दिन में कई घंटे कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही बिताते हैं। आँखों में जलन, सिर में दर्द, गर्दन में दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं। आंखें सूख जाना भी इसका एक मुख्य लक्षण हैं क्योंकि जब आप कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हैं उस दौरान पलकें बहुत कम झपकती हैं और एयर कंडीशनर की हवा आखों में मौजूद तरल को सुखा देती है।
* मायोपिया मायोपिया आँखों से जुड़ी ऐसी समस्या है जिससे बच्चे और बड़े दोनों ही प्रभावित होते हैं। लगभग 60% मरीज आनुवांशिक कारणों से इस बीमारी से पीड़ित रहते हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार जो लोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं उन्हें मायोपिया होने की संभावना बाकी लोगों से ज्यादा रहती है।इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चों को इन डिवाइसेस का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
* बॉडी पॉश्चर में खराबी जब छोटे बच्चे बहुत ज्यादा मात्रा में कंप्यूटर का इस्तेमाल करने लगते हैं तो इससे सिर्फ आँखों को ही नुकसान नहीं होता बल्कि मोटापा भी बढ़ने लगता है। लगातार गर्दन नीचे झुकाए मोबाइल पर आंखें गड़ाये रखना भी आपके बॉडी पॉश्चर को बिगाड़ देता है। इसलिए इन डिवाइसेस पर पूरी तरह निर्भर न हों बल्कि जितनी आवश्यकता हो उतना ही इस्तेमाल करें।