बनाए रखना चाहते हैं फेफड़ों को मजबूत, आहार में शामिल करें ये 10 आहार

कोरोना के बाद से ही सभी अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद रहने लगे हैं, खासतौर से फेफड़ों की सेहत पर खास ध्यान देते हैं। फेफड़े मानव जीवन के लिए आवश्यक हैं। हमारे शरीर को इष्टतम स्थिति में रखने के लिए, आपके फेफड़ों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। फेफड़ों में सूजन से सांस लेना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप संतुलित आहार की मदद ले सकते हैं जिनके सेवन से आपके फेफड़े मजबूत रहते हैं और अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसे ही आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जो फेफड़ों की सफाई करते हुए इसे मजबूत बनाएंगे। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

पिपली

पिपली को अंग्रेजी में लॉन्ग पेपर कहते हैं। आयुर्वेद में पिपली को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह काली मिर्च की तरह तीखी होती है। पिपली का फल खसखस की तरह होता है। इसके तने और फल के अलावा पत्तियों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा सहित कई बीमारियों में सहायक सिद्ध होते हैं। इसके सेवन से फेफड़े मजबूत होते हैं।

अखरोट

अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन से प्रकाशित एक जर्नल के मुताबिक अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। डाइट में रोजाना एक मुट्ठी अखरोट शामिल करने से आप फेफड़ों की समस्या से निजात पा सकते हैं। यह सांस की दिक्कत यानी अस्थमा में भी फायदा पहुंचाता है।

चकोतरा

नारिंगिन, अंगूर में एक फ्लेवोनोइड, कैंसर पैदा करने वाले एंजाइम की सक्रियता को रोकता है। सफेद अंगूर में इस फ्लेवोनोइड की उच्च मात्रा होती है, हालांकि गुलाबी अंगूर में एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन के साथ कुछ भी होता है। अंगूर धूम्रपान छोड़ने के बाद फेफड़ों को साफ करने में विशेष रूप से अच्छा है। फल 92% पानी है इसलिए यह आपको हाइड्रेटेड रखने के लिए आदर्श है, आपके संपूर्ण स्वास्थ्य का समर्थन करता है।

ब्रोकली

ब्रोकली यानी हरे रंग की गोभी, फेफड़ों और सांस से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में बहुत अधिक मददगार है। अगर आप सर्दियो के मौसम में ब्रोकली का सेवन सही तरीके से करेंगे तो आपके लंग्स को कोई भी बीमारी छू नहीं पाएगी। आप हर रोज या हर दूसरे दिन ब्रोकली को अलग-अलग तरीके से खा सकते हैं। कभी सब्जी बनाकर, कभी सैलेड में तो कभी स्नैक्स के साथ। ऐसा करने से आप ब्रोकली खाकर बोर भी नहीं होंगे और आपकी सेहत भी बनी रहेगी।

फैटी फिश

फैटी फिश यानी तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं। ये गुण फेफड़ों को सभी प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। साथ ही फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

मुलेठी

आयुर्वेद में मुलेठी को दवा माना जाता है। इसमें एंटी-डायबिटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। कई शोध में खुलासा हुआ है कि मुलेठी मीठा खाने की आदतों से छुटकारा दिलाने में सहयोग करता है। इसके सेवन से फेफड़े मजबूत होते हैं। इसके लिए रोजाना रात में सोने से पहले एक गिलास दूध में मुलेठी पाउडर मिलाकर सेवन करें।

लहसुन

छाती मे जमा कफ को साफ करने का काम करता है लहसुन। यह फेफड़ों को सही तरीके से काम करने में सहायता कर सकता है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंटंस् होते हैं जो इंफेक्शन से बचाते हैं और इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत करते हैं। इसीलिए, रोज़ाना लहसुन का सेवन करें। अपने सलाद में लहसुन के टुकड़े मिक्स करे या करी, दाल वगैरह में लहसुन का तड़का लगाएं।

गाजर

गाजर हमारे फेफड़ों के लिए बिल्कुल वैसे काम करती है जैसे गले की खराश में अदरक। गाजर में ऐंटीइंफ्लामेट्री एलिमेंट्स के साथ ही विटमिन्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं। खासतौर पर विटमिन-ए और विटमिन-सी इसमें भरपूर मात्रा में होते हैं। इन विटमिन्स के कारण हमारे लंग्स हेल्दी रहते हैं और हमें सांस से जुड़ी तकलीफ नहीं होती है। आप गाजर को सलाद, सब्जी, हलवे या गाजर पाक के रूप में खा सकते हैं। गाजर का अचार और स्नैक्स भी ठीक रहते हैं।

अदरक

इस मसाले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह फेफड़ों से प्रदूषकों को खत्म करने में मदद करता है। अदरक सिर्फ फेफड़ों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के बाकी हिस्सों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। अदरक फेफड़ों की ताकत के लिए, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सांस लेने में सुधार करने में मदद करने वाले वायु मार्ग को कम करने और बंद करने में मदद कर सकता है।

टमाटर

टमाटर में लाइकोपिन नामक तत्व होता है, जो फेफड़ों को स्वस्थ और मज़बूत बनाते हैं। इसीलिए, लाइकोपिन युक्त फूड्स का सेवन लंग्स के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। टमाटर के अलावा, गाजर, तरबूज, पपीता, शकरकंद और हरी सब्जियों में भी लाइकोपिन होता है। लाइकोपिन वाले खाद्य पदार्थों में कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट्स भी मौजूद होते है जो अस्थमा के ख़तरे को कम करते हैं। इनके सेवन से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों जैसे, लंग कैंसर आदि का रिस्क भी कम होता है।