सर्दियों की दस्तक के साथ ही ठंडी हवा ने माहौल को पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है। तापमान गिरते ही लोग कमरों में सिमटने लगे हैं और धूप का सामना कम हो जाता है। इसी मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ सिर उठाने लगती हैं। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों या उत्तर भारत के उन शहरों में, जहाँ स्मॉग और कोहरा लंबे समय तक छाया रहता है, लोग यह मान लेते हैं कि विटामिन D की कमी सिर्फ धूप न मिलने की वजह से होती है।
लेकिन सच यह है कि भारत जैसे धूप वाले देश में भी विटामिन D की कमी सिर्फ मौसम की देन नहीं है। केरल, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सर्दियों में भी तेज धूप मिलती है, फिर भी लोग विटामिन D की कमी से जूझते रहते हैं। तो क्या वजह है?
- असल समस्या हमारी लाइफस्टाइल है।
- ऑफिस में लंबे समय तक बंद कमरों में बैठना
- घर से बाहर कम निकलना
- धूप लेने की आदत का न होना
और खाने में विटामिन D से भरपूर चीज़ों का अभाव
ये सब शरीर में विटामिन D के स्तर को धीमे-धीमे कम करते रहते हैं। कम लोग जानते हैं कि इसकी कमी का असर मूड, ऊर्जा और मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। लगातार थकान रहना, मन भारी होना या चिड़चिड़ापन कई बार इसी विटामिन की कमी का संकेत होता है।
तो आइए जानें कि सर्दियों में इसकी कमी को पूरा करने के लिए आपको अपने भोजन में क्या शामिल करना चाहिए।
डाइट में क्या शामिल करें?सर्दियों में जब शरीर का अधिकांश हिस्सा कपड़ों से ढका रहता है, तो त्वचा द्वारा विटामिन D का निर्माण कम हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों में पर्याप्त स्तर बनाए रखने के लिए दोपहर की लगभग 1.5–2 घंटे की धूप काफी मायने रखती है।
हार्वर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राकृतिक रूप से विटामिन D पाने के बेहतरीन स्रोत हैं:
फैटी फिश (सैल्मन, ट्यूना, हैलिबट)
सी-फूड
हालाँकि समस्या यह है कि 400 IU विटामिन D पाने के लिए:
लगभग 5 औंस सैल्मन
7 औंस हैलिबट
या 30 औंस कॉड
खाना पड़ेगा—जो रोज़मर्रा में संभव नहीं है। ऐसे में केवल डाइट पर निर्भर रहना मुश्किल हो जाता है।
क्या सप्लिमेंट्स से मिल सकती है राहत?
विटामिन D की कमी दूर करने का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका सप्लिमेंट्स हैं। आजकल बाज़ार में विटामिन D3 (कोलेकैल्सीफेरॉल) के ओरल सॉल्यूशन उपलब्ध हैं, जिन्हें पीना आसान है और नैनो-टेक्नोलॉजी की मदद से यह शरीर में जल्दी अवशोषित होते हैं।
इनकी खासियत यह है कि:ये शुगर-फ्री होते हैं
डायबिटीज रोगी भी इन्हें ले सकते हैं
क्लिनिकली टेस्टेड और सुरक्षित होते हैं
कम धूप या कमज़ोर डायटरी इंटेक वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी होते हैं
जो लोग रोज़ाना धूप नहीं ले पाते या जिनकी डाइट पर्याप्त नहीं है, उनके लिए ये सप्लिमेंट्स विटामिन D के स्तर को सामान्य रखने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।