ज्यादातर महिलाओं का होता है थायरॉइड की समस्या से सामना, जानें क्या खाएं और क्या नहीं

आठ में से हर एक महिला को थायरॉइड की समस्या होती ही है, जिसमें से 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अपनी इस समस्या के अनजान रहती हैं। या तो उन्हें लक्षण समझ में नहीं आते हैं या फिर अनदेखी कर जाती हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि अक्सर या कई बार आप जो खाती हैं या पीती हैं वह भी आपके थायरॉइड हेल्थ से कहीं ना कहीं जुड़ा होता है। ऐसे में आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए, विशेषतौर पर जब आप पीड़ित हों।


सीवीड और सीफ़ूड

थायरॉइड की समस्या के मुख्य कारणों में से एक है आयोडीन की कमी, जो थायरॉइड फ़ंक्शन को सुधारने के लिए ज़रूरी है। आयोडीन की कमी की समस्या बहुत व्यापक है और इससे मुक़ाबला करने का आदर्श तरीक़ा है सीफ़ूड और सी वेजेटेबल का सेवन करना, जो कि प्राकृतिक रूप से आयोडीन की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं। हालांकि जैसा आप जानती हैं कि किसी भी चीज़ की अति हानिकारक होती है इसलिए आयोडीन रहित खाद्य पदार्थों का सेवन भी संतुलित रूप से ही करें।


मिश्रित मेवे

ब्राज़ील नट, मैकाडामिया नट और हेज़लनट्स, सेलेनियम (एक तरह का खनिज तत्व) के बेहतरीन स्रोत हैं, जो थायरॉइड ग्रंथियों के फंक़्शन को सक्रिय रखने के लिए एक ज़रूरी घटक है। यह थायरॉइड ग्रंथि को नुक़सान से भी बचाता है। कुछ फलियां भी सेलेनियम से समृद्ध होती हैं, जिन्हें आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए।


ग्लूटन-फ्री अनाज

कीन्वा, ओट्स और चावल जैसे अनाज थायरॉइड फ़ंक्शन के लिए बहुत अच्छे होते हैं, जबकि गेहूं या ग्लूटन वाले अनाज नुक़सान पहुंचाते हैं। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि थायरॉयड की समस्या में अगर प्राकृतिक उपचार किया जा रहा है, तो ग्लूटेन-फ्री डाइट बहुत ही प्रभावी ढंग से काम करती है।


मशरूम

स्वाभाविक रूप से, विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी ही है, लेकिन मशरूम भी इसी के आसपास है यानी कि दूसरे नंबर पर। मशरूम्स विटामिन डी के बहुत ही बढ़िया स्रोत होते हैं, जो थायरॉइड हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी रूप से काम करते हैं। अंडे की ज़र्दी और सीफ़ूड जैसे ट्यूना और सोल्मन भी इसके अच्छे स्रोत हैं। आप दूध, दही जैसे डेयरी प्रॉडक्ट्स को भी विकल्प के रूप में ले सकती हैं, जिन्हें विटामिन के साथ फ़ॉर्टिफ़ाइड किया गया हो।


किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए:

गाइट्रोगन्स

क्या हैं गाइट्रोगन्स? ये खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले ऐसे घटक हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि के ऑप्टमल फ़ंक्शन को सशक्त रूप से नुक़सान पहुंचाने का काम करते हैं। यदि आप पहले से ही हाइपोथायरॉयडिज़्म से पीड़ित हैं, जो आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जिनमें यह पाया जाता है, मसलन-सोया से बने खाद्य पदार्थ जैसे टोफ़ू और टेम्पेह, सब्ज़ियों में ब्रोकलि और फूलगोभी व स्टार्च वाली सब्ज़ियां इत्यादि।

हालांकि इनमें से कुछ खाद्य पदार्थों को पकाने से इस घटक को कम किया जा सकता है। सफ़ेद बाजरा का सेवन भी अगर अधिक मात्रा में किया जाता है, तो यह थायरॉइड फ़ंक्शन में बाधा डालता है। इसके अलावा कैफ़ीन युक्त खाद्य पदार्थ, शराब और प्रोसेस्ड फ़ूड्स भी बहुत हानिकारक होते हैं।