50 प्रतिशत महिलाएं करती हैं यूरिन की जलन का सामना, ये घरेलू उपाय देंगे आपको राहत

महिला हो या पुरुष दोनों को कभी ना कभी यूरिन के दौरान जलन का सामना करना पड़ता हैं। यूरीन निकालते समय पेशाब में होने वाले दर्द और जलन को मेडिकल की भाषा में डिस्यूरिया कहते हैं। यह एक तरह का संक्रमण रोग है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। यह एक बेहद आम समस्या हैं जिसका सामना लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं कर रही हैं। कई बार तो ऐसे हालात हो जाते हैं कि बैठने में भी तकलीफ महसूस होती हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खें बताने जा रहे हैं जो इस परेशानी में राहत दिलाने का काम करेंगे। लेकिन समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करना ही उचित हैं। तो आइये जानते हैं उन घरेलू उपायों के बारे में जो यूरिन की जलन से राहत दिलाने का काम करेंगे।

ज़्यादा से ज़्यादा पानी पियें

शरीर में पानी की कमी के कारण यह समस्या हो जाती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो यूरिन का रंग पीला हो जाता है। पानी लेने की मात्रा को हमेशा अधिक रखें इससे पेशाब करते समय होने वाले दर्द या जलन से आपको राहत मिलेगी। पानी आपके शरीर से बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। साथ ही पानी निर्जलीकरण की समस्या को भी दूर करता है। निर्जलीकरण की वजह से आपकी स्थिति और भी ज़्यादा खराब हो सकती है इसलिए पानी पीते रहें। पानी आपके शरीर के गर्म तापमान को नियंत्रित रखता है और पेशाब करने की क्षमता को बढ़ाता है।


इलायची

इलायची सिर्फ माउथ प्रेशनर के रूप में ही नहीं, बल्कि यह कई गंभीर समस्याओं के इलाज में भी काम आता है। इसके सेवन से डिस्यूरिया या यूटीआई के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इलायची में प्राकृतिक रूप से मूत्रवर्धक के गुण पाए जाते हैं, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। किडनी के कार्यों को सूचारू रूप से चलाने के लिए इलायची का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से पेशाब में हो रही जलन शांत होती है। आप रोजाना दूध में इलायची डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।

नींबू

पेशाब करते समय होने वाले दर्द और अन्य लक्षणों के लिए नींबू बेहद अच्छे से काम करता है। नींबू के जूस में एसिड होता है, साथ ही अलकलाइज़िंग प्रभाव की वजह से भी ये शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही इसका साइट्रिक एसिड और प्रभावी एंटीबैक्टीरियल और एंटीवाइरल गुण इस समस्या से निजात दिलाने में मदद करते हैं।

खीरा

खीरा के ड्यूरेटिक प्रभाव की वजह से ये डायसुरिया के लिए एक बहुत ही पुराना घरेलू उपाय है। इसमें 95% पानी होता है जिसकी मदद से आपका शरीर हाइड्रेटेड रहता है और हानिकारक विषाक्त पदार्थ भी दूर रहते हैं। इसक साथ ही इसका ठंडा प्रभाव से शरीर का तापमान सामान्य रहता है।

अधिक विटामिन सी का करें सेवन

अधिक से अधिक विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। इसके लिए ऐसे फल का सेव करना चाहिए। जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी हो। इसके लइए आप आंवला, संतरा आदि का सेवन कर सकते है। इसके अलावा आप इलायची और आंवले के चूर्ण समान भाग में मिलाकर पानी के साथ मिला खाएं। इससे आपको लाभ मिलेगा।


सेब का सिरका

सेब के सिरके में एंटीबैक्टेरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो संक्रमण को कम करते हैं और पेशाब करते समय होने वाले दर्द को दूर करते हैं। सेब का सिरका एंज़ाइम्स, पोटैशियम और अन्य फायदेमंद खनिजों का एक समृद्ध स्त्रोत होता है और शरीर के प्राकृतिक PH स्तर को फिर से बढ़ाता है।

लौंग के तेल का करें प्रयोग

लौंग एक नहीं कई, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए गुणकारी माना जाता है। वजन घटाने से लेकर सर्दी खांसी जुकाम के लिए लौंग काफी अच्छा माना जाता है। इसमें संक्रमण संबंधी समस्याओं, बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों को मारने के लिए एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। हालांकि, लौंग का अधिक सेवन शरीर के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। बेहतर है कि लौंग का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। लौंग के तेल को गर्म पानी में मिलाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं। करीब दो सप्ताह तक इस पानी का सेवन करें। मूत्र संबंधी सभी समस्याओं के लिए पानी एक बहुत ही अच्छा समाधान होता है, इसलिए अधिक से अधिक पानी का सेवन करें।