कहां तक पहुंचा कोरोना वैक्सीन का काम, क्लिक कर जानें जानकारी

जब से कोरोनावायरस पनपा है तभी से वैज्ञानिकों द्वारा लगातार इसकी वैक्सीन को लेकर रिसर्च की जा रही हैं और महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जानकारी दी गई थी कि दुनियाभर में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर शोध चल रहे हैं। कई देशों को इसमें सकारात्मक परिणाम भी नजर आए हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ प्रमुख देशों के वैक्सीन बनाने की स्थिति के बारे में। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

चीन: पाइकोवैक वैक्सीन

चीन की सिनोवैक कंपनी का कहना है कि वे वैक्सीन क्लीनिकल ट्रॉयल के फर्स्ट फेज यानी प्रथम चरण में हैं। बंदरों पर प्रभावी परिणाम उत्साहजनक है और अब वैक्सीन का इंसानी शरीर पर ट्रायल किया जाएगा।

ब्रिटेन: ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन

मर्स (MERS) के लिए पहले से ही तैयार यह वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल स्टेज में है। 800 लोगों पर इसका ट्रायल चल रहा है। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ट्रायल शुरू होने के साथ ही वैक्सीन बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है, ताकि पॉजिटिव रिजल्ट आते ही इसका उत्पादन शुरू कर दिया जाए। कहा जा रहा है कि अगर इंसानों पर इसका ट्रायल सफल रहता है तो अक्टूबर तक यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी।

जर्मनी: BNT162 वैक्सीन

यह वैक्सीन अभी क्लिनिकल ट्रायल में है। 12 वॉलेंटियर पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। अगले चरण में 18 से 55 साल की आयु के करीब 200 लोगों में डोज बढ़ाकर प्रभाव देखा जाएगा।

अमेरिका:mRNA-1273 वैक्सीन

वैक्सीन बनाने की रेस में अमेरिका भी अगली कतार में है। यहां की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के सहयोग से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीज (NIAID) mRNA-1273 वैक्सीन बना रहा है। यह भी एमआरएनए आधारित वैक्सीन है, जिसके पॉजिटिव परिणाम आने की उम्मीद की जा रही है। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है।

भारत की तैयारी

सीरम इंडिया के ईडी डॉ। सुरेश जाधव के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के मूलत: चार फेज होते हैं। फिलहाल अधिकांश वैक्सीन क्लिनिकल और ह्यूमन ट्रायल के पहले और दूसरे फेज के बीच हैं। इनमें स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाए जाते हैं।