कोरोना का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं और संक्रमितों का आंकड़ा हर दिन लाखों में बढ़ रहा हैं। ऐसे में कोरोना की वैक्सीन का जल्द आना बहुत जरूरी हो जाता हैं। हांलाकि दुनियाभर में वैक्सीन पर काम चल रहा हैं और सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले कोरोना की दवाई पर भी ध्यान देना जरूरी हैं ताकि संक्रमित मरीजों को ठीक किया जा सकें। ऐसे में दवाई को लेकर बड़ी खुशखबरी हाथ लगी हैं जिसके अनुसार ब्रिटेन की कंपनी सिनर्जीन (Synairgen) ने एक अन्य दवा की मदद से कोरोना मरीजों के इलाज में सफलता का दावा किया है। कंपनी के मुताबिक, उसकी दवाई से कोरोना मरीजों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा 79 फीसदी तक घट गया है। इसके अलावा अभी डेक्सामेथासोन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और रेमडेसिविर जैसी दवाइयां कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हुई हैं।
इस दवा का नाम SNG001 है। यह इंटरफेरोन बीटा प्रोटीन पर आधारित दवा है। इस प्रोटीन को वायरल संक्रमण होने पर शरीर उत्पन्न करता है। ब्रिटेन की दवा कंपनी सिनर्जीन (Synairgen) ने दावा किया है कि इस दवा के इस्तेमाल से से कोरोना के मरीजों को काफी फायदा हो रहा है।
इस दवा के अंदर एंटीवायरल प्रोटीन होता है, जिसे सूंघकर लिया जाता है। यह धुंध के रूप में फेफड़े तक पहुंचता है। इसके इस्तेमाल से न सिर्फ कोरोना मरीजों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम हुआ बल्कि जिन मरीजों को यह दवा दी गई, वो जल्दी ठीक भी हो गए यानी जिन मरीजों को ठीक होने में 9 दिन का समय लग रहा था, वो 6 दिन में ही ठीक हो गए।
यह भी दावा किया जा रहा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोनो के मरीजों को सांस लेने में कम ही दिक्कत महसूस हुई है और अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को आईसीयू की जरूरत भी बहुत कम पड़ रही है।
रिपोर्ट्स के मुतबिक, 30 मार्च से 27 मई के बीच ब्रिटेन के 9 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती 101 कोरोना मरीजों को यह दवा दी गई और उसका असर देखा गया। सिनर्जीन कंपनी के सीईओ रिचर्ड मर्सडेन ने कहा, 'हम इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद नहीं कर सकते थे। अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज में ये एक बड़ी सफलता है।'
रिचर्ड मर्सडेन ने कहा कि कंपनी अगले कुछ दिनों में दुनियाभर के चिकित्सा नियामकों को अपने निष्कर्ष पेश करेगी, यह देखने के लिए कि इस दवा से कोरोना मरीजों के इलाज की मंजूरी देने के लिए उन्हें और क्या जानकारी चाहिए। हम सरकार और अन्य महत्वपूर्ण समूहों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करेंगे, ताकि जल्द से जल्द कोरोना वायरस की दवा तैयार की जा सके।'