Diabetes Symptoms: मुंह के अंदर दिखते है डायबिटीज के ये 2 लक्षण, क्या आपने भी महसूस की ये परेशानी?

डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह बीमारी धीरे-धीरे इंसान के जिस्म को खोखला कर देती है, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। डायबिटीज में अगर समय रहते ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए तो ये बीमारी इंसान की मौत का कारण भी बन जाती है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, साल 2019 में डायबिटीज मौत का नौवां सबसे बड़ा कारण बना था। इसलिए डॉक्टर्स समय रहते डायबिटीज के लक्षणों की पहचान करना जरूरी समझते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स दावा करते हैं कि डायबिटीज के दो लक्षण मुंह के अंदर भी दिखाई देते हैं। हालांकि, ये लक्षण आसानी से लोगों की पकड़ में नहीं आते। नतीजतन शरीर में इसका खतरा बढ़ता चला जाता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ड्राई माउथ यानी मुंह में रूखापन और मुंह से मीठी या फलों की गंध आना भी डायबिटीज के लक्षण हैं। ये लक्षण हाई ब्लड प्रेशर या हाइपोग्लाइसीमिया से जुड़े हो सकते हैं।

ये 7 लक्षण भी ना करें नजरअंदाज

- बहुत ज्यादा प्यास लगना या बार-बार पेशाब आना
- बीमार जैसा महसूस करना
- बहुत ज्यादा थकावट
- आंखों में धुंधलापन
- अचानक से वजन घटना
- मुंह, गले या शरीर पर कहीं भी छाले निकलना
- जख्म देरी से भरना

क्या होती है डायबिटीज?

हम जो भोजन करते हैं उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिसे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती हैं। यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाती हैं। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है।

डायबिटीज दो प्रकार की होती है- टाइप-1 और टाइप 2

डायबिटीज के लगभग 10% वयस्क टाइप-1 का शिकार होते हैं जो टाइप-2 से अलग होती है। इसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम इंसुलिन प्रोड्यूस करने वाली कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देता है। नतीजतन, टाइप-1 डायबिटीज (Type - 1 Diabetes) में इंसुलिन के रेगुलर शॉट लेने की आवश्यकता पड़ती है।

जबकि टाइप-2 डायबिटीज (Type - 2 Diabetes) में शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या फिर कोशिकाएं सही प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। टाइप-1 डायबिटीज ओवरवेट यानी मोटापे से जुड़ी होती है, जिसका इलाज नहीं हो सकता है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज का रिवर्सल संभव है। ऐसे लोगों को अपना वजन कंट्रोल रखना पड़ता है। साथ ही खाने-पीने की चीजों को लेकर बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है।