बच्चे के जन्म के बाद एक माँ का दूसरा जन्म होता है। ऐसे डिलीवरी चाहे नार्मल हो या सिजेरियन दर्द का अनुभव रहता ही है। नार्मल डिलीवरी से ज्यादा दर्द सिजेरियन डिलीवरी में होता है। इसे डॉक्टर की भाषा में सी सेक्शन यानिकी सिजेरियन डिलीवरी बोला जाता है। आज कल कई कारणों से नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन ऑपरेशन महिलाओं की पसंद बन गया है। सी-सेक्शन के बाद पेट के टांके ठीक होने में समय लगता है, ऐसे वक्त में देखभाल की बहुत जरूरी है। तो आइये जानते है इसके बारे में....
* सी सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी के बाद देखभाल बहुत जरूरी है, इसलिए घर-बाहर के भारी काम करने से बचना चाहिए। ज्यादा मेहनत वाले कामों से घाव पर जोर पड़ता है, जिससे वह फिर हरा हो सकता है। इसलिए आराम पर पूरा ध्यान दें।
* सिजेरियन सेक्शन के घाव जल्दी भरने और इंफेक्शन से बचाव के लिए महिला को विटामिन सी युक्त चीजें खानी चाहिए। ब्रोकली, पालक, साग, हरी मटर, संतरा, आड़ू, मौसमी, खुबानी आदि को आहार में शामिल करें।
* पेट में टांकों की वजह से महिला को कुछ दिनों तक नहाना नहीं चाहिए, ताकि घाव पानी से बचा रहे। इसके बजाय गीले तौलिए से बदन पोंछना अच्छा उपाय है। पानी घाव में इंफेक्शन होने का मुख्य कारण है।
* सी सेक्शन के बाद डॉक्टर की सलाह लेते रहना जरूरी होता है। डॉक्टर जैसे बताये वैसे ही करे। टांको की जाँच के लिए जब डॉक्टर बुलाये तब उनके पास जांच करवाने जाना चाहिए।
* टांको को कभी हाथ न रगड़े और न ही खुजली करे इससे तनके हर हो जाते है और साथ ही मवाद भी पड़ जाती है।