आयुर्वेद के ये नुस्खे दूर करेंगे महिलाओं के बांझपन की समस्या, पूरी होगी गर्भधारण की चाहत

इस दुनिया में हर महिला की चाहत होती हैं कि शादी के बाद वह बच्चे को जन्म दे और उसे खूब प्यार करें। लेकिन कभीकभार कुछ गलतियों के कारण महिलाओं के गर्भधारण करने में दिक्कत होने लगती हैं और समाज उसे बांझ कहने लगता हैं। ऐसे में महिलाएं कई दवाइयों का सहारा लेती हैं लेकिन उन्हें कोई खास फायदा नहीं हो पाता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए आयुर्वेद के कुछ बेहतरीन नुस्खे लेकर आए हैं जो महिलाओं के बांझपन की समस्या को दूर कर उनकी गर्भधारण की चाहत को पूरा करेंगे। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में।

- मासिक धर्म के खत्म होने के बाद आप सेमर की जड़ को 250 ग्राम पानी में मिलाकर पकायें और फिर इसे छानकर इक्कठा कर लें। इस उपाय को आप 4 दिन तक अपनायें।

- पीपल के सूखे फलों का चूर्ण आधे चम्मच की मात्रा में कच्चे दूध के साथ मासिक धर्म शुरू होने के पांचवें दिन से दो हफ्ते तक सुबह शाम प्रयोग करने से गर्भधारण होता है। लाभ नहीं होने से अगले महीने भी इसको जारी रखें।

- अपने गर्भाशय की शुद्धि के लिए आप 4 ग्राम त्रिफलाधृत को रोज सुबह शाम ग्रहण करें। इससे महिला का गर्भाशय गर्भधारण के लिए तैयार होता है।

- नीलकमल का चूर्ण और धाय (धातकी) के पुष्पों का चूर्ण समभाग मिलाकर ऋतुकाल प्रारम्भ होने के दिन से 4 दिनों तक नियमित रूप से एक चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से गर्भधारण होता है।

- एक चम्मच असगंधा का चूर्ण, एक चम्मच देशी घी के साथ मिलाकर मिश्री मिले हुए दूध के साथ मासिक धर्म के छठे दिन से पुरे माह पीने से बंध्यापन दूर होकर गर्भधारण होता है। यह प्रयोग सुबह खाली पेट प्रयोग करना चाहिए और जब तक लाभ ना हो तब तक दोहराते रहना चाहिए।

- शीघ्र गर्भधारण करने के लिए आप 3 ग्राम गोरोचन, 10 ग्राम अश्वगंधा और 10 ग्राम गजपिपरी लें और उन्हें सुखाकर पिस लें। आप इस चूर्ण को मासिक धर्म के चौथे दिन से लगातार 5 दिन तक दूध के साथ सेवन करें। जल्द ही आपको गर्भधारण का आभास होगा।

- अगर कोई स्त्री बांझपन के कारण माँ नही बन पा रही है तो उन्हें 40 ग्राम गुलकंद के साथ 20 ग्राम सौंफ मिलकर चबानी चाहियें। आप इसे चबाने के बाद एक गिलास दूध भी जरुर पियें। इससे न सिर्फ आपको बांझपन से मुक्ति मिलेगी बल्कि जल्द ही आप गर्भ को भी धारण करोगी।