मौसम में बदलाव के साथ ही गले में खराबी होना आम बात हैं। लेकिन कई बार यह गंभीर संक्रामक बीमारी डिप्थीरिया का संकेत भी हो सकता हैं। जी हां, संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकले बैक्टीरिया से यह बीमारी पनपती हैं जिसमें व्यक्ति का श्वसन मार्ग प्रभावित होता हैं। इस बीमारी में गले में खराश या सूजन जैसी समस्या पनपती हैं। डिप्थीरिया में खाने-पीने में भी बड़ी दिक्कत होने लगती हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जो डिप्थीरिया कि इस बीमारी में आपको आराम दिलाने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
तुलसी की पत्तियों का सेवन
तुलसी की पत्तियां भी डिप्थीरिया के रोग में बहुत फायदेमंद होती हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण श्वसन मार्ग से जुड़े संक्रमणों के इलाज में मदद करती हैं। एक गिलास पानी में आप तुलसी की पत्तियों को डालें और इस पानी को पी लें। इस उपाय से डिप्थीरिया से काफी राहत मिलती है।
अरंडी
अरंडी में एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो कि डिप्थीरिया की स्थिति का इलाज करने में असरकारी रूप से मदद कर सकते हैं। इसके लिए अरंडी की पत्तियों को पीस लें, आप चाहें तो इसमें कुछ सहजन की पत्तियां भी डाल सकते हैं। अब इसमें लहसुन का रस डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सूंघने से नासिका मार्ग साफ हो जाता है और डिप्थीरिया के मरीजों को राहत मिलती है।
अनानास का सेवन
अनानास का ताजा रस पीने से गले में जो कुछ भी जमा होता है, वो निकल जाता है। गले के संक्रमण विशेषकर डिप्थीरिया को दूर करने में यह काफी प्रभावी उपाय हो सकता है। अनानास के जूस में बीटा-कैरोटीन होता है इसलिए भी इसे डिप्थीरिया को दूर करने का असरकारी उपाय माना जाता है। बीटा-कैरोटीन एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट है।
नमक भी है प्रभावी
गले में खराश के लिए नमक बहुत बढिया उपाय है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक डालकर गरारे करें। ये नुस्खा शरीर में नमक की कमी के कारण होने वाली सांस से जुड़ी समस्याओं के इलाज में भी मददगार है।