यह तो सभी जानते हैं कि दवाई की मदद से बीमारी ठीक होती हैं और अच्छी सेहत बनी रहती हैं। लेकिन यह जानना भी जरूरी हैं कि गलत दवाई आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। ऐसा ही कुछ भोजन के साथ भी हैं। कई आहार सेहत के लिहाज से बहुत अच्छे होते हैं लेकिन उनका गलत समय पर सेवन करना आपकी सेहत खराब होने की वजह बन सकता हैं। खासतौर से लॉकडाउन के बाद यह समस्या और बढ़ गई हैं। आज इस कड़ी में कुछ ऐसे ही आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें सुस्त जीवनशैली के दौरान ग्रहण नहीं करना चाहिए। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
इस तरह के डेयरी प्रॉडक्ट्स
लेजी लाइफस्टाइल के बीच इस तरह के डेयरी प्रॉडक्ट्स का उपयोग करने से बचना चाहिए, जिन्हें बनाने में क्रीम या फुल क्रीम मिल्क का उपयोग होता है। क्योंकि इस क्रीम में फैट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में जाकर फैट बढ़ाने और शुगर की मात्रा में वृद्धि करने का काम करता है।
फ्रूट जूस
यूं तो फ्रूट जूस शरीर के लिए लाभकारी होता है। खासतौर पर किसी ऐसी बीमारी या स्थिति में जब बहुत अधिक कमजोरी का अनुभव हो रहा हो। लेकिन नियमित रूप से फ्रूट जूस का सेवन करना और फिजिकली कम ऐक्टिव रहना शरीर को आलसी बना सकता है। साथ ही मोटापा भी बढ़ा सकता है। क्योंकि जूस बनाते समय फल के सारे गूदे को छानकर अलग कर दिया जाता है। इसमें फाइबर के रेशे भी निकल जाते हैं और जूस में सबसे अधिक शुगर की मात्रा बचती है। इससे पाचन क्रिया मंद होने की समस्या हो सकती है।
घर पर बनी मिठाइयां
लॉकडाउन और कोरोना के चलते ज्यादातर लोग घर के बाहर से कोई मिठाई नहीं मंगा रहे हैं और घर में ही इस तरह की चीजें बनाकर उनका सेवन कर रहे हैं। यह एक अच्छी बात है। लेकिन शारीरिक गतिविधियां कम होने के कारण इस समय मीठे खाद्यपदार्थों का अधिक सेवन सेहत खराब करने का काम करेगा।
डीप फ्राइड फूड
इस समय बाहर की चीजें खाना तो बहुत अधिक सीमित हो चुका है। लेकिन घर पर बने ब्रेड पकौड़े, पकौड़ी, चीला, पूड़ियां, फ्रैंच फ्राइज जैसे फूड किसे पसंद नहीं! क्योंकि घर में इन्हें हेल्दी तरीके से बनाया जा सकता है। फिर लॉकडाउन के चलते जब पूरा परिवार घर पर साथ हो तो इस तरह के भोजन का आनंद ही कुछ और होता है।।।लेकिन सेहत का ध्यान रखते हुए इस तरह का भोजन अधिक खाने से बचना चाहिए।
पुलाव और जीरा राइस
चावल एक ऐसा भोजन है जो मीठा ना होते हुए भी शरीर में पहुंचने के बाद शुगर और ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए नियमित रूप से सफेद चावल का सेवन उस स्थिति में नहीं करना चाहिए, जबकि आप शारीरिक रूप से बहुत सुस्त जीवनशैली जी रहे हों।