आमतौर पर देखा जाता है कि उम्र के साथ याददाश्त कम होने लगती हैं और बुढ़ापे में तो यह बेहद क्षीण हो जाती हैं। लेकिन आजकल की इस खराब जीवनशैली की वजह से युवाओं में भी याददाश्त कमजोर होने लगी हैं। देखा गया हैं कि युवा कुछ देर पहले किया गया काम तक भूल जाते हैं। ऐसे में आज के समय की कुछ गलतियां हैं जो आपके दिमाग को कमजोर कर रही हैं। आज हम आपको उन्हीं गलतियों के बारे में जिन्हें जानकर उनमें सुधार लाना जरूरी हैं। तो आइये जानें -
जरुरत से अधिक मीठा खाना
कुछ लोगों को मीठा खाना बहुत ही अधिक पसंद होता है लेकिन ज्यादा मात्रा में रिफाइंड शुगर खाना दिमाग के लिए नुक्सानदायक हो सकती है। अधिक शुगर खाने से शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ती है और यह दिमाग की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करता है। इससे शरीर में डिमेंशिया और अल्जाइमर का अधिक खतरा बढ़ जता है। इसलिए जरुरत से अदिक मीठा कभी भी मत खाएं।
धूम्रपान की आदत
धूम्रपानी की आदत न केवल फेफड़ों को बल्कि दिमाग की नसें सिकुड़ने का भी कारण बनती है। धूम्रपान करने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचने के साथ सांस से जुड़ी कई तरह की गंभीर बीमारियां होती है। रिसर्च के अनुसार लंब समय तक स्मोकिंग करने से व्यक्ति की याद्दाशत कमजोर हो जाती है।
नाश्ता न करना
ऑफिस, स्कूल समय पर पहुंचने या काम को जल्दी करने के चक्कर में ज्यादातर लोग अपना सुबह का नाश्ता छोड़ देते है इससे आपके दिमाग पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। नास्शा ने करने से आपके शरीर में मोटापा, कमजोर इम्यूनिटी, कमजोर याददाश्त, लो-ब्लड शुगर जैसी समस्याएं भी हो सकती है। इसलिए सुबह उठने के 3 घंटे के अंदर ही अपना नाश्ता कर लें। याद रखें कि नाश्ता थोड़ा हैवी और प्रोटीन से भरपूर हो ताकि पूरा दिन आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
पूरी नींद न लेना
एक स्वस्थ शरीर के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत ही जरुरी होता है जब आप 6 घंटे से कम और 9 घंटे से अधिक नींद लेते है तो आपको दिमाग और मोटापे संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जरुरत से ज्यादा या कम नींद लेने से आपके दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती है और आपके दिमाग की याद्दाशत कमजोर हो जाती है।
अधिक से ज्यादा भोजन का सेवन
अगर आप दोपहर और रात के समय में जरुरत से अधिक खाना खाते है तो इसका सीधा असर आपकी याद्दाशत पर पड़ता है क्योंकि ज्यादा खाना खाने से मेटाबॉलिज्म धीमा होता है जिससे आप सुस्त और आलसी बन जाते है। इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है। इसलिए हमेशा जितनी भूख लगी हो उतना खाएं या उससे थोड़ा कम खाएं ताकि आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म सही बना रहे।