आपको डिप्रेशन की ओर धकेलते है ये 5 आहार, बनाए इनसे दूरी

कुछ दिनों पहले टीवी से लेकर फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु हो गई थी। बताया जा रहा हैं कि उन्होनें डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर ली थी। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव के चलते कई लोग डिप्रेशन में जी रहे हैं और अपने ख्याल जाहिर करने से डरते हैं। इसमें आपके खानपान का भी बहुत बड़ा हाथ हैं। जी हाँ, कुछ आहार ऐसे होते हैं जो आपके डिप्रेशन लेवल को बढ़ाने का काम करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में ही बताने जा रहे हैं जिनसे दूरी बनाए रखने में ही भलाई हैं।

व्हाइट टोस्ट

नाश्ते में अधिकांश लोग व्हाइट टोस्ट का सेवन करते हैं। लेकिन व्हाइट टोस्ट के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता, जो आगे चलकर एंग्जाइटी की वजह बन जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक व्हाइट टोस्ट के अधिक सेवन से डिप्रेशन का खतरा भी बढ़ जाता है।

केचअप

केचअप को तैयार करने में टमाटर के अलावा कई तरह के रसायनों और भारी मात्रा में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। एक चम्मच कैचअप में करीब 4 ग्राम चीनी होती है। ज्यादा मीठा पेट तो खराब करता ही है साथ ही एंग्जाइटी और डिप्रेशन का कारण भी बन जाता है। बेहतर होगा कि बाहर के केचअप की जगह घर पर बनाएं केचअप का इस्तेमाल करें और उसमें थोड़ी काली मिर्च जरूर एड करें।

अल्कोहल

कई लोग तनाव में आने के बाद ये सोचते हैं कि अल्कोहल यानी शराब के सेवन से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। शराब के सेवन से ना सिर्फ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है बल्कि डिप्रेशन भी बढ़ जाता है।

पैक्ड फ्रूट जूस

फलों में मौजूद फाइबर शरीर में ऊर्जा तो बढ़ाता ही है साथ ही सेहत को बनाए रखता है। लेकिन पैक्ड फ्रूट जूस में कई कैमिकलयुक्त पदार्थों और अन्य चीजों को मिलाए जाने की शंका रहती है। इस तरह के जूस का सेवन करने से दर्द, एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या हो जाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि पैक्ड फ्रूट जूस की जगह ताजे फलों के रसों का सेवन करना चाहिए।

डाइट सोडा

कई लोगों का यह मानना होता है कि डाइट सोडा में चीनी नहीं होने के कारण वो नुकसानदायक नहीं होता है। भले ही इसमें मिठास नहीं है लेकिन ज्यादा डाइट सोडा के सेवन से डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है। कैफीन की अधिक मात्रा होने से एंग्जाइटी के साथ ही थकान भी महसूस कर सकते हैं।