आंसू है हमारी आंखों के लिए कुदरती मॉइस्चराइजर, जाने कैसे

आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि आंसू (Tears) भी हमारी आंखों (Eyes) के लिए बेहद जरूरी हैं। आंखों में मौजूद लैक्रीमल ग्लैंड आंसू बनाने का काम करते हैं। दरअसल आंसू हमारी आंखों के लिए कुदरती मॉइस्चराइजर की तरह होते हैं। आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका होती है (Benefit of Tears)। इसी वजह से आंखों की ऊपरी सतह नम रहती है और पलकें झपकाने पर उनको आराम मिलता है। आई बॉल्स के संचालन के साथ आंसू आंखों में मौजूद गंदगी हटाने का भी काम करते हैं। इसी नमी की वजह से आई बॉल्स को ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं। आंसू में मौजूद एंजाइम आंखों को इंफेक्शन से भी बचाता है। आंखों से आंसू निकलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। प्रतिदिन हमारी आंखों से आंसू निकलते रहते हैं और पलकों के भीतरी कोने से छन कर नाक में चले जाते हैं, लेकिन कभी-कभी आंखों में रुखापन आने लगता है। ऐसी स्थिति में लैक्रीमल ग्लैंड से आंसुओं का सिक्रीशन नहीं होता या उनके सूखने की गति तेज हो जाती है। इससे आंखों में किरकिरी, जलन और चुभन महसूस होती है। कई बार ऊपरी पलकों में इंफेक्शन भी हो जाता है। ऐसी समस्या को एवेपोरेटिव टियर डिफिशिएंसी कहा जाता है।

बचाव एवं उपचार

- घर से बाहर निकलते समय हमेशा अच्छी क्वॉलिटी का सनग्लास पहनें। चश्मे का प्रेम हल्का और आरामदायक होना चाहिये। इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि चश्मा का साइज बहुत छोटा न हो, न ज्यादा ढीला हो और न टाइट हो। चश्मा का साइज इतना जरूर हो कि आपकी आंखों को पूरी तरह कवर कर सके।

- आमतौर पर आंखों की नमी बढाने वाले आई ड्राप्स से ड्राई आई की समस्या दूर हो जाती है।

- कंप्यूटर पर काम करते या पढते समय हर एक घंटे के अंतराल पर दो मिनट के लिए अपनी आंखें बंद करें।

- अपने मन से दवाओं का सेवन न करें क्योंकि कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट से भी आंखों की नमी सूखने लगती है।

- ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के लिए बहुत जरूरी है। मछली, अखरोट, बादाम और फ्लैक्ससीड में यह तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है

- अगर कोई तकलीफ न हो तो भी कम से कम साल में एक बार रुटीन आई चेकअप जरूर करवाएं और डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करें।

- अगर कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो उसे नियमित रूप से अच्छी तरह साफ करें। बेहतर यही होगा आप अच्छी क्वॉलिटी का डिस्पोजेबल कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करें। लबें समय तक के लिए कांटेक्ट लेंस लगाने से बचे। इसका प्रयोग तभी करें जब बहुत जरूरी हो। अगर आप तैराकी करने या सोने जा रहे हो तो इसका प्रय़ोग ना करें। एक बार में 12 घंटे से ज्यादा लेंसस को नहीं पहनना चाहिए।

- अपने भोजन में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिनमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व और विटमिन ए पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों। इसके लिए संतरा, पपीता, आम, नीबू और टमाटर आदि का सेवन फायदेमंद होता है।

- आंखों के आगे से काले घेरे और आँखों का सूजापन दूर रखने के लिए 8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी से ना केवल आँखें लाल होती हैं बल्कि चेहरे का लुक भी बिगड़ जाता है। भरपूर नींद से चेहरा और आँखें दोनों फ्रेश रहते हैं।

- कम रौशनी में काम ना करें, यह भी आंखों को नुक्सान पहुंचाती है। लेट कर भी पढ़ाई न करें कंप्यूटर का इस्तेमाल करते वक़्त कंप्यूटर से दूरी बनाये रखें यह दूरी 20 से 30 इंच की हो सकती हैं लगातार कंप्यूटर पे काम कर रहे हों तो बीच में ब्रेक लेते रहे। और टीवी देखते टाइम स्क्रीन की आंखो की दूरी 3.5 मीटर की रखे।