देश अब तक कोरोना वायरस की दो लहर का सामना कर चुका है। सभी भारतीय दुआ कर रहे हैं कि उन्हें तीसरी लहर नहीं देखनी पड़े। दूसरी लहर अब उतार पर है। हर जगह केस कम हो रहे हैं। वैसे तो अप्रैल और मई में कोविड संक्रमण के चलते हर किसी को पीड़ा झेलनी पड़ी, लेकिन बच्चे भी बहुत परेशान हुए। जो बच्चे कोविड से उबरे उन्हें अब नई बीमारियां घेरने लगी है।
गुड़गांव के सीके बिड़ला अस्पताल में बाल रोग और नवजात विज्ञान विभाग में कार्यरत डॉ. श्रेया दुबे ने न्यूज18 डॉट कॉम से इस मामले में विस्तृत बातचीत की। दुबे ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान बच्चों में संक्रमण के मामले ज्यादा देखे गए। मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS) वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
हालांकि बच्चों में लंबे समय तक कोविड के लक्षणों के बारे में बहुत ज्यादा डेटा नहीं हैं, लेकिन कई मामलों की रिपोर्ट्स से यह संकेत मिल रहे हैं कि उनमें भी व्यस्कों की तरह कोविड से उबरने के बाद लक्षण हो सकते हैं। लॉन्ग कोविड के लक्षणों में थकान, कम भूख, सीने में दर्द, सिरदर्द, बॉडी पेन, चक्कर आना, गले में खराश और किसी विषय या काम पर ध्यान की कमी पाई जा सकती है।
इससे उबरने के लिए आराम और पानी पीते रहना जरूरी है। बच्चों में लक्षण दिखाई दें तो उन पर पढ़ाई का बोझ डालने के बजाय उन्हें गंभीरता से लें। छह महीने से कम उम्र के कोविड से ठीक हुए बच्चों के लिए स्तनपान जरूरी है। साथ ही फाइबर, विटामिन, मिनरल और प्रोटीन के साथ अच्छा पोषण भी जल्दी रिकवरी में मदद करता है। बड़े बच्चों के लिए सांस लेने वाली कुछ एक्सरसाइज फायदेमंद साबित हो सकती है।
लॉन्ग कोविड के मामले बच्चों में अभी बहुत नए हैं। ऐसे में लक्षणों को लेकर
पैरेंट्स घबराए हुए हैं। हर बच्चे में अलग लक्षण हो सकते हैं। इनमें
खांसी, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, एलर्जी, पेट में दर्द, खुजली, ठंडे
हाथ-पैर और अनिद्रा कुछ सामान्य लक्षण हैं। किसी भी लक्षण को हल्के में ना
लें और यदि लक्षण लगातार रहते हैं तो बिना किसी देरी के बाल रोग विशेषज्ञ
से मिलें।