कोरोना के बढ़ते आंकड़े इसके बढ़ते कहर को दर्शाते हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 65 लाख से भी ऊपर जा चुका हैं। हांलाकि 31 लाख से अधिक मरीज ठीक भी हो चुके हैं। लेकिन कोरोना का इलाज हुए उन मरीजों को सावधानी बरतने की बात कही जा रही हैं जो ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, दिल जैसी अन्य घटक बिमारियों के शिकार हैं। इन्हें अपनी दवा बंद ना करने और सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा हैं। इसी के साथ अब कोरोना से ठीक हुए मरीजों को अभी कोई भी सर्जरी ना करवाने की बात कही जा रही हैं क्योंकि यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता हैं।
नए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की सर्जरी के बाद मौत का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कहा जा रहा है कि कोविड 19 की चपेट में आ चुके लोग बेहद जरूरी न हो तो अपनी सर्जरी टलवा दें। एक हजार से ज्यादा मरीजों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है। दरअसल, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च के वैज्ञानिकों ने 24 देशों के 235 अस्पतालों से 1,128 मरीजों पर शोध किया। मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित इस शोध अध्ययन के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों में जिन लोगों की सर्जरी हो रही है, उनमें मृत्युदर ज्यादा है।अध्ययन के दौरान ऐसे मरीजों में 30 दिन में मृत्युदर 24 फीसदी पाई गई। शोधकर्ताओं ने कहा, इलेक्टिव सर्जरी में मृत्युदर 18.9 फीसदी और इमरजेंसी सर्जरी में मृत्युदर 25.6 फीसदी रही। वहीं, मामूली सर्जरी जैसे एपेंडिसियोटॉमी या हर्निया की सर्जरी में मृत्यु दर 16.3 फीसदी। जबकि हिप सर्जरी जैसी बड़ी सर्जरी या कोलन कैंसर के लिए की गई सर्जरी में भी मृत्यु दर 26.9 फीसदी थी।