लोवर बैक पेन से छुटकारा दिलाएगी ये 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, जानें और पाए आराम

वर्तमान समय में कोरोना के चलते लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। लेकिन इस समय में परेशानी यह हैं कि काम करने कि पूरी सुविधा ना होने की वजह से लोगों को कमर दर्द से परेशान होना पड़ रहा हैं। लोवर बैक पेन का यह दर्द आपको असहाय बना देता है। ऐसे में आपको जरूरत पड़ती हैं कुछ ऐसीस्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की जो आपको आराम दिलाए। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसी ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज लेकर आए हैं जो लोवर बैक पेन से छुटकारा दिलाएगी।

कैट काओ पोज़

बिल्लियाँ हमारे आसपास के सबसे लचीले जानवरों में से एक हैं और उनकी फुर्तीली पीठ उन्हें तेज़ और उग्र बनाती है। इसी तरह, यदि आप भी बिल्ली की तरह एक्टिव और लचीला बनना चाहते हैं तो आप कैट काओ पोज़ कर सकते हैं। इससे आप फिलैक्सिबल होने के साथ ही बैक पेन से भी छुटकारा मिलेगा।

पेल्विक टिल्ट

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स फिजिकल थेरेपी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पेट की मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों में बहुत बड़ा और गहरा संबंध होता है। यदि आपको पीठ के निचले हिस्से से तुरंत आराम चाहिए तो नियमित रूप से पेल्विक टिल्ट करें। यह आपकी पूरी बॉडी की मसल्स को मजबूत बनाएगा।

लोवर बैक रोटेशन

भारी भरकम वजन उठाने से आपकी पीठ कड़ी हो सकती है और दर्द भी बढ़ सकता है। इसलिए आप नियमित रूप से लोवर बैक रोटेशन कर लोवर बैक पेन से तो छुटकारा पाएंगे ही साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी को भी मजबूती मिलेगी। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। इसके अलावा, आपको अपनी मांसपेशियों को आराम देने के लिए अपनी पीठ और बाजू पर काम करने के दिनों में पीठ के निचले हिस्से को घुमाना चाहिए, क्योंकि इससे आराम मिलने की संभावना जल्दी होती है।

चाइल्ड पोज

पीठ के निचले हिस्से मे होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए योगा सबसे आसान और बेहतर विकल्प है। जब आप चाइल्ड योगा करते हैं तो इससे आपकी लोवर बॉडी की पूरी मसल्स में दबाव बनता है और बॉडी सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। जिसके चलते मांसपेशियों को आराम मिलता है और आप बेक पेन से राहत मिलती है।

घुटने से चेस्ट स्ट्रेच तक

जर्नल ऑफ फिजिकल थेरेपी साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों को अक्सर लोवर बैक की शिकायत रहती हैं उन्हें घुटने से छाती तक स्ट्रेचिंग करना चाहिए। क्योंकि इससे आपकी पीठ की छोटी से छोटी मांसपेशियां एक्टिव होती हैं और उन्हें आराम मिलता है।