इन 6 तरीकों की मदद से रखे अपने दिल को स्वस्थ और बचे हार्ट अटैक से

स्वस्थ शरीर की कूंजी माना जाता है स्वस्थ ह्रदय को और इसके लिए व्यक्ति को अपने जीवन में सही दिनचर्या के साथ सही खानपान की भी जरूरत होती हैं। लेकिन आज के समय में सबसे ज्यादा बीमारियाँ दिल से ही जुडी होती हैं और खराब जीवनशैली के चलते ह्रदय को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए दिल (Heart) को स्वस्थ रखने के कुछ ऐसे तरीके (Heart Care Tips) बताने जा रहे है जो आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) से दूर रखेंगे। तो आइये जानते है इन तरीकों के बारे में...

- अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक रखिए

कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद हैं, जिनसे जितना अधिक हो, बचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आपके यकृत यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल का निर्माण हो रहा हो तब आपको कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है।

- नियमित व्यायाम करें

हार्ट अटैक से बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप रोजाना व्यायाम करें। आप कम से कम 15 मिनट तक शारीरिक कसरत करें। दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए वॉक करना भी एक अच्छा व्यायाम है।

- दिल के लिए फायदेमंद आहार का सेवन करें

दिल के लिए फायदेमंद डाइट का सेवन करने से हार्ट अटैक की सम्भावना काफी कम हो जाती है। यहाँ तक कि उचित भोजन का सेवन करने से आप किसी भी प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम से बच सकते हैं। पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और अन्य पोषक पदार्थ भरपूर मात्रा में हों और कैलोरीज कम हों, का अधिक सेवन करें।

- नींबू का रस

पानी में नींबू का रस मिलाकर रोज पीएं। फलों में अमरूद, अन्नास, मौसमी, लीची और सेब का इस्तेमाल करें। सब्जियों में अरबी और चौलाई जरूर खाएं। खाने में दही जरूर खायें। दिल को मजबूत करने के लिए देसी घी में गुड़ मिलाकर खाएं।

- अपने वजन को सामान्य रखें

आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्क्वेयर के साथ घटाकर कर सकते हैं। तेल नहीं खाकर एवं निम्न रेशे वाले अनाजों तथा उच्च किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।

- पेशाब और शौच को ना दबाएँ

जब पेशाब और शौच का दबाव पड़ता है तो आपको जाना तो है ही पहले या बाद में। इसको दबाने से दिल पर प्रभाव पड़ता है और यह संक्रमण का कारण भी बनता है।