कई लोग जब खाली बैठे होते हैं यां फिर किसी टेंशन में होते है तो वो उंगलीयां चटकाने लगते है। हर दूसरे व्यक्ति को उंगलियां चटकाने की आदत होती है। खाली बैठे हुए या फिर कोई काम करते वक्त लोग अक्सर लोग उंगलियों को चटकाने लगते हैं। ऐसा करने के पीछे लोगों का अक्सर ये तर्क रहता है कि ऐसा करने से उन्हें आराम मिलता है। इस वजह से लोग और अधिक उंगलियां चटकाने लगते हैं। कई लोग तो गर्दन की हड्डियां भी सुबह-सुबह उठकर चटकाते हैं। ये आपको सामान्य लग सकता है, लेकिन उंगलियां चटकाने से आपको फायदा नहीं नुकसान ही होता हैं।
अगर आप भी हाथ या पैर की उंगलियां चटकाने के शौकीन हैं तो हो जाइए सावधान। खाली समय की ये आदत आपको गठिया जैसे दर्दनाक बीमारी के जाल मे फंसा सकती है। ब्रिटिश के एक अंग्रेजी अखबार में इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हडि्डयों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हडि्डयां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और जहां दो हडि्डयां आपस में जुड़ती हैं वह हिस्सा जोड़ कहलाता है।
जब हम उंगलियां चटकाते हैं उस समय हम वास्तव में इन जोड़ों को खींच रहे होते हैं और इस तरह हडि्डयों को एक-दूसरे से दूर खींचते हैं। ऎसे में आपस में जुड़ी हडि्डयां दूर होती हैं और जोड़ के भीतर का दबाव भी कम होता है। घुटने, कोहनी और उंगलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है जो दो हडि्डयों के जोड़ पर ग्रीस के जैसे काम करता है और हडि्डयों को आपस मे रगड़ खाने से रोकता है। चिटकाने से गठिया का रोग होने की शिकायत हो जाती हैं आमतौर पर यह बीमारी बुजुर्गों में ज्यादा होती हैं लेकिन उंगलियां और हड्डियां चटकाने वाले जल्द ही इसकी चपेट में आ जाते है। – एक रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हड्डियों को चटकाना गठिया रोग का कारण बनता हैं, इन जोड़ों के बीच जो द्रव होता है जो उंगुलियों के चटकने के दौरान कम हो जाता है।
उंगुलियां चटकाना बहुत अच्छी आदत नहीं है और फिर ये नुकसानदेह भी है तो इस आदत को रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए ध्यान देने की बात ये है कि आप पढ़ते या लिखने या काम करते वक्त वक्त खुद पर फोकस करें। अगर आप कभी गलती से उंगुलियां चटकाने लगते हैं तो तुरंत छोड़ दें। चाहे उंगुलियां कितनी भी दर्द दे रही हों। धीरे धीरे आपकी ये आदत छूट जाएगी।