कहीं आप तो नहीं हो रहीं Breast Cancer का शिकार, इस तरह खुद लगाए पता

वर्तमान समय में देखा जाता हैं कि कई बीमारियां अपने पैर पसारने लगी हैं जो कि सेहत के लिए बहुत हानिकारण हैं। आजकल देखा जाता हैं कि कई महिलाएं ब्रैस्ट कैंसर की समस्या से परेशान हैं। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो सही इलाज हो सकता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए इसके शुरूआती लक्षणों की जानकारी लेकर आए हैं जिससे पता लगाया जा सकता हैं कि महिलाएं Breast Cancer का शिकार तो नहीं।

आइने के सामने खड़ी हो जाएं

आइने के सामने खड़ी हो जाएं और ध्यान रहे कि कमरे में भरपूर रोशनी हो। अब अपने कंधों को सीधा रखें, बाजू को साइड में रिलैक्स्ड रखें और फिर अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ, साइज में अंतर, ब्रेस्ट के शेप में अंतर या फिर किसी और तरह की विकृति की जांच करें।

निपल्स की जांच करें

ब्रेस्ट के बाद बारी आती है निपल्स की। निपल्स को ध्यान से देखें कि कहीं उसका रंग तो नहीं बदल रहा, कहीं उसमें किसी तरह का धब्बा तो नहीं दिख रहा। निपल्स को थोड़ा सा दबाएं और चेक करें कि उसमें से किसी तरह का फ्लूइड डिस्चार्ज तो नहीं हो रहा।

आर्मपिट की भी जांच है जरूरी

ब्रेस्ट कैंसर के लिए सिर्फ ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि आर्मपिट की जांच भी जरूरी है। इसके लिए अपने हाथ को उठाएं और अपने आर्मपिट की जांच करें। उंगली को घुमाकर आर्मपिट में चेक करें कि कहीं किसी भी तरह की गांठ तो नहीं। दोनों आर्मपिट और अंडरआर्म्स को अच्छी तरह से चेक करें।

ब्रेस्ट टीशू को चेक करें

अब अपने ब्रेस्ट टीशू को हल्के हाथ से दबाएं और अंडरआर्म्स के हिस्से से लेकर ब्रेस्ट तक के हर एक टीशू को चेक करने की कोशिश करें कि कहीं उसमें किसी तरह की गांठ या कोई और दिक्कत तो महसूस नहीं हो रही।

पीरियड्स के 3-5 दिन बाद करें चेक

ब्रेस्ट एग्जामिनेशन का सबसे सही समय मेन्स्ट्रुअल साइकल यानी पीरियड्स के 3 से 5 दिन बाद होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीरियड्स के बाद 5 दिन बाद ब्रेस्ट में सूजन नहीं होती और उन्हें एग्जामिन करना आसान होता है। हर महीने अपने लिए 10 मिनट का समय निकालें और अपने ब्रेस्ट की जांच करें। जब आप नियमित रूप से ब्रेस्ट की सेल्फ-एग्जामिनेशन यानी खुद से जांच करना शुरू करेंगी तो कुछ भी अजीब दिखने पर आपको तुरंत पता चल जाएगा। लेकिन उसके बाद तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।