कोरोना के इलाज की उम्‍मीदों को मिली नई मजबूती, इस दवा से हो रहा फायदा

कोरोना से दुनिया में अब तक 54 लाख 7 हजार 378 लोग संक्रमित हैं। 22 लाख 47 हजार 930 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 44 हजार 19 हो गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 24 घंटे में 1 लाख 9 हजार 536 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 5600 लोगों की मौत हुई है। उत्तरी और दक्षिण अमेरिका में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस मिले हैं। वहीं, यूरोप में मरने वालों की संख्या 1 लाख 73 हजार के करीब पहुंच गई है। अमेरिका में अब तक सबसे ज्यादा 98 हजार 683 लोगों की जान गई है। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में 24 घंटे में 84 लोगों की जान गई है। यहां मार्च के बाद पहली बार एक दिन में मरने वालों की संख्या 100 से कम दर्ज की गई है। देश में 24 घंटे में 1127 लोगों की मौत हुई है। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 16 लाख 66 हजार 828 हो गया है। न्यूयॉर्क में अब संक्रमण और मौतों की संख्या में कमी आ रही है। यहां अब तक 3 लाख 69 हजार 656 लोग संक्रमित हैं, जबकि 29 हजार 112 की मौत हो चुकी है।

कोरोना मरीजों पर हो रहा ट्रायल

वहीं, अमेरिका में कोरोना मरीजों पर बड़े पैमाने पर एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर (Remdesivir) पर क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इसके नतीजे उम्‍मीद जगा रहे है। एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर कोरोना वायरस से लड़ाई में असरदार साबित हो रही है। अमेरिका में कोरोना के जिन मरीजों को ऑक्‍सीजन थेरपी की जरूरत पड़ रही है, उनमें यह दवा रिकवरी को तेज कर रही है। इस ट्रायल को US के नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्‍फेक्शियस डिजीजेज (NIAID) ने फंड किया है। ट्रायल के नतीजे इतने अच्‍छे रहे कि ट्रायल चलते-चलते ही उसकी फाइंडिग्‍स को पब्लिश कर दिया गया है। बता दे, US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (FDA) ने इसी महीने गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों पर इमर्जेंसी में रेमडेसिवीर remdesivir यूज करने की परमिशन दे दी थी।

रिकवरी में लगने वाला समय कम हुआ

द न्‍यू इंग्‍लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (NEJM) के मुताबिक रिसर्चर्स ने ट्रायल जारी होने के बावजूद शुरुआती नतीजे जारी करने का फैसला किया। कोविड-19 मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर Remdesivir का 10 दिन का कोर्स प्‍लेसीबो से कहीं ज्‍यादा असरदार साबित हुआ। दोनों तरीकों से इलाज के बाद रिकवरी में लगने वाला समय Remdesivir में कम था। रिसर्चर्स के मुताबिक, उन्‍होंने यह डेटा इसलिए साझा किया ताकि ट्रायल के साथ-साथ बिना ट्रायल वाले मरीजों को भी Remdesivir से फायदा हो सके। रिसर्चर्स ने पाया कि 14 दिन के आधार पर, प्‍लेसीबो ट्रीटमेंट का मार्टलिटी रेट 11.9 पर्सेंट रहा है, जबकि remdesivir के साथ मार्टलिटी रेट 7.1% रहा। हालांकि 7.1% की दर भी बहुत ज्‍यादा है जिसे लेकर रिसर्चर्स अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। रिसर्चर्स ने कहा है कि शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेमडेसिवीर उन मरीजों पर इस्‍तेमाल हो सकती है जो कोविड-19 से पीड़‍ित हैं और जिन्‍हें सप्‍लीमेंटल ऑक्‍सीजन थेरपी की जरूरत है।

बता दे, रेमडेसिवीर Remdesivir को बायोफार्मा कंपनी Gilead Sciences Inc बनाती है। यह दवा पहले इबोला वायरस के लिए भी यूज हो चुकी है। इसके अलावा मिडल ईस्‍ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवियर एक्‍यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) पर भी Remdesivir असरदार है। MERS और SARS भी कोविड-19 की तरह कोरोना वायरस से होने वाली बीमारियां हैं।

चीनी रिसर्चर्स ने जताई थी चिंता

बता दे, द लांसेज मेडिकल जर्नल में छपी एक स्‍टडी में, चीनी रिसर्चर्स ने कहा था कि उन्‍हें इस दवा के कोई 'क्लिनिकल फायदे' नहीं मिले। NEJM की स्‍टडी में भी रेमडेसिवीर remdesivir के यूज के बावजूद हाई मार्टलिटी रेट पर चिंता जाहिर कर चुके है।