मॉल, पार्क्स या रेस्टोरेंट्स में मौजूद बाथरूम उपयोग करने से भी कोरोना का खतरा बन सकता है। आमतौर पर माना जा रहा है कि दूषित सतह के संपर्क में आना कोरोना वायरस फैलने का मुख्य जरिया नहीं है। हालांकि अभी इस मामले पर स्टडी पूरी नहीं हुई है। बाथरूम शेयर करना गेस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन (Gastrointestinal Infection) के फैलने को बढ़ा सकता है। हम अभी यह नहीं जानते कि कोरोना वायरस जैसे सांस के जरिए फैलने वाले वायरस में बाथरूम क्या भूमिका निभाते हैं। अभी तक यह भी साफ नहीं है कि टॉयेलट प्लूम में मौजूद कोरोना वायरस एयरोसोल्स से कितना खतरा है।
ऐसे में कोशिश करे कि बाथरूम की जरूरत ही न आने दें। अपने पानी पीने की आदत को थोड़ा बदल लें। महिलाएं अपने पेल्विक फ्लोर मसल को जल्दी-जल्दी पांच बार दबा सकती हैं। इसे क्विक फ्लिक्स कहा जाता है। इससे आपके ब्लेडर को आराम मिलेगा और बाथरूम जाने की जरूरत कुछ कम होगी। बाहर बाथरूम जाना आखिरी रास्ता हो सकता है।
ऐसे में अगर मजबूरन बाथरूम का इस्तेमाल करना पड़े तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें- बाथरूम में संक्रमण से बचने का सबसे बढ़िया तरीका मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सतह को कम से कम छूना है।
- बड़े बाथरूम में जानें की कोशिश करें, क्योंकि यहा एयर सर्कुलेशन अच्छा होता है।
- अगर कोई आपके सामने आपसे पहले बाथरूम में है, तो अंदर जाने से पहले कम से कम 60 सेकंड का इंतजार करें।
- पेपर से टॉयलेट का सीट कवर न बनाएं। क्योंकि यह आसानी से टॉयलेट प्लूम से दूषित हो जाते हैं। ऐसे में हाथ से इन्हें छूना संक्रमण फैलाने का कारण हो सकता है।
- अगर टॉयलेट में लिड है तो फ्लश से पहले इसे बंद कर दें। इससे प्लूम अंदर ही ट्रैप हो जाएगी।
- अगर टॉयलेट में फ्लश ऑटोमैटिक है, तो स्प्रे से बचने के लिए कुछ कदम पीछे हो जाएं।
- आप हाथ धोने के बाद उन्हें कैसे साफ करते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन रीयूज टॉवेल के उपयोग से बचें।
- बाथरूम में कम से कम वक्त बिताएं। अगर आपको बाहर जाने के लिए गेट खोलना पड़ रहा है तो बाद में हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।