क्या कोरोना वायरस गर्भवती महिला से उसके बच्चे तक पहुंच सकता है? WHO ने दिया ये जवाब

कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 91 लाख 94 हजार 960 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 49 लाख 41 हजार 766 लोग स्वस्थ हुए हैं। वहीं, 4 लाख 74 हजार 508 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, मेक्सिको के सेन लुइस पोटोसी शहर में सोमवार को एक साथ जन्मे तीन बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए है। स्वास्थ्य सचिव मोनिका रांगेल ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जन्म के दिन से ही तीनों बच्चों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव हालाकि, बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे। अब सवाल उठता है कि आखिर बच्चों तक संक्रमण कैसे पहुंचा। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव मोनिका का कहना है कि हो सकता है कि नवजात में वायरस का संक्रमण डिलीवरी के तुरंत बाद हुआ हो। नवजात में कोरोना के संक्रमण का यह पहला मामला नहीं है, लेकिन ये दुर्लभ है। मेक्सिको में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1 लाख 85 हजार 122 पहुंच चुके हैं। यहां कोरोना से अब तक 22 हजार 584 मौत हो चुकी हैं। वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नवजात में कोरोना का संक्रमण संक्रमित मां की कोख से गर्भनाल के जरिए बच्चे में पहुंच सकता है। अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, गर्भनाल से कोरोना का संक्रमण फैलने का मामला भी सामने आ चुका है। ऐसे में कई सवाल हर गर्भवती महिला के जहन में उठते है कि आखिर कोरोना संकट के बीच कैसे खुद को और अपने बच्चें को संक्रमण से बचाए। ऐसे ही कुछ सवाल हम आपके लिए लेकर आए है जिनके जवाब WHO ने दिए है।

- क्या गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस का खतरा अधिक है?

WHO : दुनियाभर में इस पर रिसर्च जारी है लेकिन अब तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला है जो साबित करे कि आम लोगों को मुकाबले गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं जिससे उन्हें सांस से जुड़ा संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। इसलिए जरूरी सावधानी जरूर बरतें। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टरी सलाह लें।

- क्या कोरोना से पीड़ित महिला को सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत है?

WHO : नहीं। सिजेरियन डिलीवरी की सलाह तभी दी जाती है जब डॉक्टर के मुताबिक सही हो। हर महिला की डिलीवरी का प्रकार उसकी स्थितियों पर निर्भर करता है।

- क्या कोरोना संक्रमित महिला बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकती है?

WHO : हां, वह ऐसा कर सकती है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे ब्रेस्टफीड कराते समय मास्क पहनें, बच्चे को छूने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं। अगर कोरोना से संक्रमित हैं और बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने की स्थिति में नहीं है तो एक्सप्रेसिंग मिल्क या डोनर ह्यूमन मिल्क का इस्तेमाल कर सकती हैं।

- मैं प्रेग्नेंट हूं, मैं खुद को कोरोना के संक्रमण से कैसे दूर रखूं?

WHO : गर्भवती महिलाओं को भी वही सावधानी बरतने की जरूरत है जो आम लोगों को सलाह दी जा रही है।

#अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर या साबुन से बार-बार हाथ धोएं।
#भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें।
#आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं।
#खांसते या छींकते समय मुंह को दाहिनी कोहनी पर रखें या टिशु पेपर का इस्तेमाल करें। टिशु पेपर एक बार इस्तेमाल होने पर उसे डिस्पोज करें।
#खांसी, बुखार महसूस होने पर तत्काल डॉक्टरी सलाह लें।

- क्या गर्भवती महिला को कोरोना की जांच की जरूरत है?

WHO : जांच की कितनी जरूरत है, यह इस पर निर्भर करता है कि आप कहां रहती है। अगर संक्रमण से जुड़ा कोई भी लक्षण महसूस होता है तो तुरंत जांच कराएं क्योंकि ऐसी स्थिति में खास देखभाल की जरूरत होती है।

- क्या कोरोना वायरस गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे में पहुंच सकता है?

WHO : गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे में वायरस पहुंचने की कोई जानकारी नहीं सामने आई है। अब तक गर्भवती महिला के एम्नियोटिक फ्लूइड और ब्रेस्ट मिल्क में कोरोना वायरस नहीं मिला है।

- प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान क्या सावधानी बरतने की जरूरत है?

WHO : हर गर्भवती महिला को सावधानी बरतने की जरूरत है चाहें वो कोरोना से संक्रमित हो या न हो। डिलीवरी के दौरान महिला के इच्छा मुताबिक, किसी पारिवारिक सदस्य का होना जरूरी है। मैटरनिटी स्टाफ से सीधी बातचीत होनी चाहिए। अगर संक्रमण की पुष्टि होती है तो हेल्थ वर्कर को जरूरी सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि दूसरी महिलाएं न प्रभावित हों। ऐसी स्थिति महिला के पास हैंड सैनेटाइजर, मास्क, गाउन और मेडिकल मास्क होना जरूरी है।

- मां संक्रमित है तो क्या नवजात को छूना चाहिए?


WHO : ऐसे समय में बच्चों से दूरी न बनाएं लेकिन सावधानी हर हाल में बरतें। नवजात को ब्रेस्टफीड कराते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें। नवजात को छूने से पहले हाथों को धोएं। उसे जहां भी रखें वो जगह साफ होने चाहिए। आसपास मौजूद लोगों से खुद को दूर रखें और छींकते या खांसते समय टिश्यू का इस्तेमाल करें।