इन लक्षणों से होती हैं निमोनिया की पहचान, जानें और रहें नए साल में सुरक्षित

सर्दी के इस मौसम में बड़े हो या बच्चे सभी को बीमारियां घेर लेती है, खासतौर से निमोनिया। जी हां, सर्दियों के इन दिनों में निमोनिया का खतरा बना रहता हैं जो कि स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को यह जल्दी अपना शिकार बनाता हैं और समय रहते इसकी पहचान ना की जाए तो जानलेवा भी हो सकता हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो निमोनिया की ओर इशारा करते हैं। तो आइये जानें इनके बारे में और रहें सावधान।

खांसी

निमोनिया की समस्या होने पर लगातार खांसी आती है। अगर निमोनिया बैक्टीरियल होता है तो पीले या हरे रंग का थूक निकलता है। निमोनिया के रोगाणु फेफड़ों को संक्रमित कर देते हैं जिस कारण कभी-कभी थूक में खून के धब्बे भी दिखते हैं। लेजिनोला निमोनिया होने पर भी खूनी बलगम आते हैं।

पसीना आना

बैक्टीरियल निमोनिया के संक्रमण में कई लोगों को ठंड के साथ आने वाले तेज बुखार में पसीना आते भी देखा गया है।

सीने में दर्द

निमोनिया में लगातार खांसी आती है। ज्यादा खांसी होने के कारण सीने में दर्द का अहसास होने लगता है। इस दर्द के ज्यादा बढ़ जाने पर इंसान को सांस लेने और खांसने में भी तकलीफ होने लगती है।

बुखार

निमोनिया में बच्चों को ठंड के साथ बहुत तेज बुखार आता है। यह बुखार लगभग 100 डिग्री फारेनहाइट से भी ज्यादा होता है। बड़े लोगों में बुखार की तीव्रता कम होती है।

नाखूनों और होंठ का रंग बदलना

बैक्टीरियल निमोनिया में सांसों की कमी के कारण रीर कि कोशिकाओं में ऑक्सीजन कि मात्रा काफी कम हो जाती है जिसके कारण कई बार नाखूनों और होंठो के रंग भी बदल जाते हैं। होठों का रंग पीला पड़ जाता है और नाखूनों का रंग सफेद हो जाता है।